प्रेग्नेंसी के दौरान क्यों होती है अचार खाने की क्रेविंग

क्यों होती है अचार खाने की इच्छा:
गर्भावस्था के दौरान यदि महिलाओं को आयरन की कमी है तो उन्हें  अचार खाने का मन अधिक कर सकता है, क्योंकि अचार में आयरन की मात्रा अधिक होती है। गर्भावस्था में अचार खाने की इच्छा मनोवैज्ञानिक कारणों से भी हो सकती है। कुछ महिलाओं को अचार खाने से तनाव या चिंता कम करने में मदद मिलती है। वैसे अचार खाने के फायदे औरे नुकसान दोनों हैं।

गर्भावस्था के दौरान अचार खाने के नुकसान
कहते हैं कि अति किसि भी चीज की बुरी होती है। ऐसे में ज्यादा अचार खाना भी गर्भवती महिलाओं के लिए हानिकारक हो सकता है। आमतौर पर अचार में नमक (सोडियम) की मात्रा बहुत अधिक होती है, ऐसे में सोडियम के अधिक सेवन से ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है। गर्भावस्था में हृदय सिर्फ मां ही नहीं गर्भस्थ शिशु के लिए भी रक्त पंप करता है, ऐसे में हाई ब्लड प्रेशर खतरनाक हो सकता है। कई बार अचार में मौजूद मसाले और नमक पाचन से संबंधित समस्याओं जैसे कि एसिडिटी और गैस का कारण बन सकते हैं। बाजार के अचार में डले प्रिजर्वेटिव भी मां और बच्चे दोनों के लिए नुकसानदायक हो सकते हैं। ऐसे में बाजार की जगह घर में बना अचार खाएं। इनमें नमक और मसाले भी सीमित होते हैं। अचार के साथ हमेशा सब्जियों और साबुत अनाज का सेवन करें।

 
सीमित मात्रा में खाएं
अगर गर्भवती महिलाएं सीमित मात्रा में अचार का सेवन करें तो इसके कई फायदे भी हो सकते हैं। अचार में मौजूद प्रोबायोटिक्स पाचन में मदद कर सकते हैं। प्रोबायोटिक्स अच्छे बैक्टीरिया होते हैं जो आंत में रहते हैं और पाचन क्रिया व मेटाबॉलिज्म को सुधारते हैं। अचार में मौजूद विटामिन सी और अन्य एंटीऑक्सीडेंट इम्यूनिटी को बढ़ावा देने में मदद करते हैं। इसमें मौजूद आयरन एनीमिया को रोकने का काम करता है। वहीं विटामिन सी और अन्य एंटीऑक्सीडेंट हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मददगार होते हैं।

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