अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) शैलेन्द्र सिंह चौहान ने पूछे जाने पर पुष्टि की कि याग्निक (55) के परिजनों के बयान और मामले की शुरुआती जांच के आधार पर एक महिला पत्रकार के खिलाफ शहर के एमआईजी थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है। यह मामला भारतीय दंड विधान की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) और अन्य संबद्ध धाराओं के तहत पंजीबद्ध किया गया है।
चौहान ने बताया कि यह महिला पत्रकार पहले याग्निक के अखबार में ही काम करती थी। आरोप है कि अखबार की नौकरी से निकाले जाने के बाद वह याग्निक को मानसिक तौर पर परेशान कर रही थी जिससे वे तनाव में चल रहे थे। उन्होंने बताया कि महिला पत्रकार को फिलहाल गिरफ्तार नहीं किया गया है। हम मामले की विस्तृत जांच कर रहे हैं।
गौरतलब है कि याग्निक ने अपनी मौत से कुछ ही दिन पहले इंदौर रेंज के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी) अजय कुमार शर्मा से मिलकर उन्हें आपबीती सुनाई थी कि महिला पत्रकार उन्हें कथित तौर पर धमका रही है। शर्मा इस बात की पहले ही तसदीक कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि मुलाकात के दौरान याग्निक ने उन्हें बताया था कि महिला पत्रकार उन्हें धमकी दे रही है कि अगर उन्होंने उसे अखबार की नौकरी पर बहाल नहीं कराया तो वह उन्हें झूठे मामले में फंसाकर बदनाम कर देगी।
एडीजी के मुताबिक मुलाकात के दौरान याग्निक ने उनसे यह अनुरोध भी किया था कि अगर महिला पत्रकार पुलिस को उनके खिलाफ कोई शिकायत करती है, तो इस शिकायत पर किसी तरह का कानूनी कदम उठाए जाने से पहले एक बार उनका पक्ष भी सुना जाए। शर्मा ने कहा कि याग्निक ने अपने इस अनुरोध को लेकर उन्हें हालांकि एक औपचारिक आवेदन पत्र भी सौंपा था। लेकिन तब उन्होंने संबंधित महिला पत्रकार के खिलाफ किसी कानूनी कार्रवाई की मांग पुलिस से नहीं की थी। (भाषा)