आयुर्वेद

शरीर का एक सामान्य तापक्रम होता है, जिससे ताप बढ़े तो ज्वर का होना कहा जाता है। आयुर्वेद में ज्वर के ...
मोतियाबिंद एक आम समस्या बनता जा रहा है, अब तो युवा भी इस रोग के शिकार होने लगे हैं। अगर इस रोग का सम...
रतौंधी की बीमारी एशियाई और अफ्रीकी देशों में ज्यादा होती है। भारत में असम, आन्ध्रप्रदेश और तमिलनाडु ...
युवावस्था में की गई गलतियाँ-भोग-विलास में अति करना, मादक द्रव्यों का सेवन करना, आलसी रहना आदि कारणों...
आयुर्वेदिक दवाओं की जानकारी में हम अभी तक अनेक प्रकार की दवाएँ तथा विभिन्न रोगों की दवाएँ बता चुके ह...
आयुर्वेदिक दवाओं की जानकारी में हम अभी तक अनेक प्रकार की दवाएँ तथा विभिन्न रोगों की दवाएँ बता चुके ह...
हम इससे पहले आयुर्वेदिक दवाओं में गोलियों, वटियों भस्म व पिष्टी की जानकारी आपको दे चुके हैं। आयुर्वे...
हृदय और मस्तिष्क को बल देने वाली तथा वात, पित्त नाशक, बल वर्धक और सौम्य है...
अजीर्ण के कारण पेट का दर्द, पेट में वायु बनना, अन्य उदर रोग व विशूचिका में लाभप्रद। मात्रा 2 से 4 गो...
आयुर्वेद के उत्तम योगों में से एक योग है दशमूलारिष्ट, जो अनेक व्याधियों को दूर करने में सक्षम और सफल...
शरीर में वायु अधिक होने से हृदय की धड़कन बढ़ना, पसीना अधिक आना, मुंह सूखना, नींद का कम आना, दिल घबरान...
आयुर्वेदिक औषधियों की जानकारी के क्रम में आपका परिचय विभिन्न प्रकार के पाक, घृत व अवलेह से कराया जा ...
सन्धिवात रोग, जिसे गठिया भी कहते हैं और ऐलोपैथिक भाषा में आर्थ्राइटिस कहते हैं, एक वात व्याधि है, जो...
शरीर को कमजोर और स्वास्थ्य को नष्ट करने वाली एक बीमारी है पेचिश यानी प्रवाहिका, जिसे मेडिकल भाषा में...
कील-मुंहासे प्रत्येक किशोर या किशोरी को अनिवार्य रूप से होते ही हैं, ऐसा नहीं है। जिनको होते हैं, वे...
आधुनिक चिकित्सा विज्ञान के अनुसार सफेद दाग एक प्रकार का त्वचा रोग है तथा इसे ल्यूकोडर्मा नाम दिया गय...
त्वचा का दारुण रोग है विचर्चिका, जिसे अंगे्रजी में एक्जीमा कहते हैं। इस रोग में खुजली छोटी-बड़ी फुंसि...
जाड़ों में ऑर्थराइटिस अधिक विकट हो जाती है। इसलिए जोड़ों में अधिक दर्द होने लगता है। आधुनिक विज्ञान के...