तुम्हारे पास हूँ लेकिन जो दूरी है समझता हूँ,
तुम्हारे बिन मेरी हस्ती अधूरी है समझता हूँ,
तेरी तलब में जला डाले आशियाने तक,
कहाँ रहूँ तेरे दिल में घर बनाने तक - अहमद फराज़
समझौतों की भीड़भाड़ में सबसे रिश्ता टूट गया,
इतने घुटने टेके हमने आखिर घुटना टूट गया - मुनव्वर राना
ये किस मक़ाम पे पहुँचा दिया मुहब्बत ने,
कि तेरी याद भी अब कोशिशों से आती है - मुनव्वर राना
तोड़ना दिल का पाप है प्यारे,
छोड़ दे अब ये खोटा धंधा तू - अज़ीज़ अंसारी
हमारा हाल लिखा था हमारे चेहरे पर,
हमारे हाल से यूँ बेख़बर न था कोई - अज़ीज़ अंसारी
मुझे बस इसलिए अच्छी बहार लगती है,
कि ये भी माँ की तरह ख़ुशगवार लगती है - मुनव्वर राना
हादसों की गर्द से खुद को बचाने के लिए,
माँ हम अपने साथ बस तेरी दुआ ले जाएँगे - मुनव्वर राना
बुलंदियों का बड़े से बड़ा निशान छुआ,
उठाया गोद में माँ ने तो आसमान छुआ - मुनव्वर राना
मेरे कमरे में अँधेरा नहीं रहने देता,
आपका ग़म मुझे तन्हा नहीं रहने देता - मुनव्वर राना
लिपट के रोती नहीं हैं कभी शहीदों से,
ये हौसला भी हमारे वतन की माँओं में है - मुनव्वर राना
उलझता रहता हूँ मैं यूँ तुम्हारी यादों में,
कि जैसे बच्चे के हाथों में ऊन आ जाए - मुनव्वर राना
कैसे कहें कि दिल को तेरी जुस्तजू नहीं,
ये और बात है कि मेरी किस्मत में तू नहीं - नामालूम
अब ये जाना इसे कहते हैं आना दिल का,
हम हँसी-खेल समझते थे लगाना दिल का - अमीर
मोहब्बत रंग दे जाती है जब दिल दिल से मिलता है,
मगर मुश्किल तो ये है दिल बड़ी मुश्किल से मिलता है - ज
इलाही क्यों नहीं आती क़यामत माजरा क्या है,
हमारे सामने पहलू में वो ग़ैरों के बैठे हैं - दाग़
सब नज़ारे दिखाई देते हैं,
मुझको छोटे से अपने इस घर में
चाँद तारे दिखाई देते हैं - अज़ीज़ अंसारी
जो भी हो इम्तेहान दे देंगे,
ऐ वतन तेरे वास्ते हम तो,
वक्त पड़ने पर जान दे देंगे - अज़ीज़ अंसारी
भीख से तो भूख अच्छी गाँव को वापस चलो,
शहर में रहने से ये बच्चा बुरा हो जाएगा - मुनव्वर राना
जिस्म पर मेरे बहुत शफ्फा़क कपड़े थे मगर,
धूल मिट्टी में अटा बेटा बहुत अच्छा लगा - मुनव्वर राना