लबों पे उसके कभी बद्दुआ नहीं होती,
बस एक माँ है जो मुझ से ख़फ़ा नहीं होती - मुनव्वर राना
दिल की बात बताएँ कैसे,
दिल को लब तक लाएँ कैसे - डॉ. शमा शेख
मेरी तो ज़िंदगी है औरों के काम आना,
चाहो तो अपना ग़म भी तुम मेरे नाम कर दो - डॉ. शमा शेख
मुँह पे सब भाई भाई करते हैं,
पीठ को देखते ही ये नादाँ,
कैसी कैसी बुराई करते हैं - अज़ीज़ अंसारी
सोच तेरी है फैसला तेरा
जब अमल का सवाल आये तो
पीछे मुड़-मुड़ के देखना कैसा - अज़ीज़ अंसारी
शुक्रिया तेरा अदा करता हूँ जाते जाते,
ज़िंदगी तूने बहुत रोज़ बचाया मुझको - मुनव्वर राना
गुलाब ऐसे ही थोड़े गुलाब होता है,
ये बात काँटों पे चलने के बाद आती है - मुनव्वर राना
कुछ ज़रूरी नहीं फ़रिश्ता बने,
आदमी आदमी हो काफ़ी है - मेहबूब राही
ज़िन्दगी ज़िन्दादिली का नाम है,
मुर्दा दिल खाक जिया करते हैं -------- नासिख
शायद इसी का नाम मोहब्बत है शैफ़ता,
इक आग सी है सीने के अन्दर लगी---------शैफ़ता
दुश्मनी जम कर करो लेकिन ये गुंजाइश रहे,
जब कभी हम दोस्त बन जाएँ तो शर्मिन्दा न हों ---- बशीर बद्र
दुश्मनी लाख सही ख़त्म न कीजे रिश्ता,
दिल मिले या न मिले हाथ मिलाए रहिए -----निदा फ़ाज़ली
कुछ समझ कर ही खुदा तुझको कहा है वरना,
कौन सी बात कही इतने यक़ीं से हमने।
नए कमरों में अब चीज़ें पुरानी कौन रखता है,
परिन्दों के लिए शहरों में पानी कौन रखता है - मुनव्वर रान
दिल के क़िस्से कहाँ नहीं होते,
हाँ, वो सब से बयाँ नहीं होते--------साक़िब
नज़र से नज़र ने मुलाक़ात कर ली,
रहे दोनों ख़ामोश और बात कर ली।
मैं मिट गया लेकिन न मिटा इश्क़ किसी का,
दिल मिट गया लेकिन न मिटी याद किसी की।
ये माना प्यार मैं करता हूँ एक काफ़िर से,
ये किस किताब में लिक्खा है प्यार मत करना - जोया
हँसते हैं सब दीवाने पर,
दीवाना सब पर हँसता है - मेहबूब राही