दाग़ को कौन देने वाला था,
जो दिया ऎ ख़ुदा दिया तूने -------- दाग़
तुम हमारे किसी तरह न हुए,
वरना दुनिया में क्या नहीं होता -------- मोमिन
मौत का एक दिन मोअय्यन है,
नींद क्यों रात भर नहीं आती - ग़ालिब
रात बाक़ी थी जब वो बिछड़े थे,
कट गई उम्र रात बाक़ी है --------ख़ुमार
मेरी क़िस्मत में ग़म गर इतना था,
दिल भी यारब कई दिए होते ----------ग़ालिब
रोज़ तारों की नुमाइश में ख़लल पड़ता है,
चाँद पागल है अंधेरे में निकल पड़ता है ----- राहत इन्दौरी
हुनर कुछ छीन लेने का भी सीखो,
यहाँ माँगे से कुछ मिलता कहाँ है -----अभय कुमार
दुनिया के सितम याद न अपनी ही वफ़ा याद,
अब मुझको नहीं कुछ भी मोहब्बत के सिवा याद ----- जिगर मुरादाबाद
मैं कहाँ रास्तों का हूँ मोहताज,
रास्ते मेरे साथ चलते हैं ----------- सालेह
फ़ैसले सच के हक़ में होते हैं,
मैं अभी तक इसी गुमान में था---- अशफ़ाक़ अंजुम
ये झूमना पेड़ों का, परिन्दों का चहकना,
मेरे लिए तफ़रीह का सामान बहुत है।
हर दो क़दम पे मस्जिद-ओ-मन्दिर के बावजूद,
दुनिया तमाम धन की पुजारी लगी हमें।
हम वो फ़क़ीर हैं जिसे आता गिला नहीं,
शायद इसीलिए हमें कुछ भी मिला नहीं।
हम न कहते थे न लाओ शेख़-ओ-पंडित को यहाँ,
लीजिए उठने लगी दीवार मैख़ानों के बीच।
सरों पे माँ की दुआओं का शामियाना है,
हमारे पास तो अनमोल ये ख़ज़ाना है - अज़ीज़ अंसारी
पुरसिश नहीं इलाज किसी ज़ख़्म का मगर,
तुमने जो हाल पूछ लिया तो ख़ुशी हुई - कौसर सिद्दीक़ी
जग में आकर इधर उधर देखा,
तू ही आया नज़र जिधर देखा ------मीर दर्द
कौन भला रोता फिरता है, आधी आधी रातों को,
इस बादल के परदे में भी कोई दिलवाला होगा ------ नामालूम
दौलत से ना ललचाएँ, ताकत से ना घबराएँ,
हम आज भी दुनिया में बस प्यार के मारे हैं।
आपका ऐतबार कौन करे,
रोज़ का इंतज़ार कौन करे - दाग़