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हालाँकि आईफ़ोन 7 बस आया ही है पर अभी से ज़्यादा चर्चे हैं आईफ़ोन-8 के। आइफ़ोन 7 के लिए कतार लगाए खड़े ग्राहकों के लिए ये थोड़ा सोच में डालने वाला हो सकता है पर बड़ा बदलाव तो आईफ़ोन-8 में ही होगा। हार्डवेयर और सॉफ़्टवेयर दोनों ही के हिसाब से।
सूत्रों के मुताबिक एपल कंपनी की अनुसंधान प्रयोगशालाओं में आईफ़ोन-8 को लेकर ज़बर्दस्त काम हो रहा है। ये प्रयोगशालाएँ अमेरिका, इसराइल, सिंगापुर और सहित अन्य देशों में स्थित हैं। जैसे आईफ़ोन-5 के बाद 6 में आकार और सुविधाओं को लेकर एक बड़ा परिवर्तन देखने को मिला था वैसे ही और उससे कहीं बढ़कर परिवर्तन आईफ़ोन-8 में देखने को मिलेंगे।
ये फ़ोन 2017 के अंत में बाज़ार में आएगा। इस फ़ोन को इसलिए भी ख़ास तवज्जो दी जा रही है क्योंकि 2017 में आईफ़ोन के दस साल पूरे हो रहे हैं। 10 साल पूरे होने के इस मौके को यादगार बनाने के लिए टीम कुक के नेतृत्व में पूरी कंपनी पूरी तत्परता से लगी हुई है।
हालाँकि आईफ़ोन-8 को लेकर काफ़ी सतर्कता और गोपनीयता भी बरती जा रही है पर जो ख़बरें छनकर बाहर आ पाई हैं उनके मुताबिक इसमें निम्न ख़ास बातें हो सकती हैं –
- आकार में परिवर्तन
- कैमरे को लेकर बड़ा बदलाव
- आभासी सचाई (वर्च्युअल रिएलिटी) को शामिल किया जाएगा
- दैनिक सेवाओं से सीधे जोड़ने की सुविधा
- आईओएस यानी आईफोन के सॉफ़्टवेयर में कुछ ऐसे क्रांतिकारी बदलाव, जो एंड्रोइड से मिलने वाली चुनौती का जवाब देने के साथ ही उपयोगकर्ताओं को एक नया अनुभव देंगे
- ख़ास तौर पर भारत जैसे बाज़ार को लेकर भी कुछ विशेष प्रयोग किए जा सकते हैं
स्टीव जॉब्स के बाद से ही आईफ़ोन बनाने वाली कंपनी एपल के सामने उसी तरह के नवाचार को बनाए रखना बड़ी चुनौती रहा है। नए सीईओ टीम कुक के नेतृत्व में कंपनी का भौगोलिक विस्तार तो काफी हुआ पर आलोचक सदैव ही स्टीव जॉब्स के प्रयोग और नवाचार के साहस की याद दिलाते रहते हैं। इसीलिए आईफ़ोन-8 को बेहतर छवि के लिए भी प्रचारित किया जाएगा। वैसे एपल काफ़ी योजनाबद्ध तरीके से काम करती है और इस समय आईफ़ोन-10 को लेकर भी काम शुरू हो चुका है। साथ ही "एपल कार" कंपनी की बड़ी और महत्वाकांक्षी योजना है। ये मानव रहित कार है जिसको लेकर गूगल भी काफी काम कर चुका है।