उनसे पूछो जिनकी माँ नहीं होती......

- प्रियंका कौशल

ND
जिंदगी कितनी काँटो से भरी होती है
उनसे पूछो जिनकी माँ नहीं होती है
कैसे चलते होंगे वे गैरो की अँगुलियाँ थाम कर
जिंदगी जिनकी दूसरों की रहनुमा होती है।
खुद गीले में सो, हमें सूखे में सुलाने वाली
वह माँ तो खुद ईश्वर का रूप होती है।
वह अनमोल खजाना है स्नेह का
वह हीरा है, सोना है, मोती है।
लेकिन दुनिया में सबसे बदनसीब है वो
जिनके सर माँ के आँचल की छाँव नहीं होती है।
जिंदगी का फलसफा क्या है दोस्तों
उनसे पूछो जिनकी माँ नहीं होती है।