×
SEARCH
Hindi
English
தமிழ்
मराठी
తెలుగు
മലയാളം
ಕನ್ನಡ
ગુજરાતી
समाचार
मुख्य ख़बरें
राष्ट्रीय
अंतरराष्ट्रीय
प्रादेशिक
मध्यप्रदेश
छत्तीसगढ़
गुजरात
महाराष्ट्र
राजस्थान
उत्तर प्रदेश
क्राइम
फैक्ट चेक
ऑटो मोबाइल
व्यापार
मोबाइल मेनिया
बॉलीवुड
बॉलीवुड न्यूज़
हॉट शॉट
मूवी रिव्यू
वेब स्टोरी
पर्यटन
आने वाली फिल्म
खुल जा सिम सिम
बॉलीवुड फोकस
आलेख
सलमान खान
सनी लियोन
टीवी
मुलाकात
विधानसभा चुनाव
महाराष्ट्र
झारखंड
धर्म-संसार
एकादशी
श्री कृष्णा
रामायण
महाभारत
व्रत-त्योहार
धर्म-दर्शन
शिरडी साईं बाबा
श्रीरामचरितमानस
आलेख
लाइफ स्टाइल
वीमेन कॉर्नर
सेहत
योग
NRI
मोटिवेशनल
रेसिपी
नन्ही दुनिया
पर्यटन
रोमांस
साहित्य
ज्योतिष
दैनिक राशिफल
रामशलाका
राशियां
आज का जन्मदिन
आज का मुहूर्त
लाल किताब
वास्तु-फेंगशुई
टैरो भविष्यवाणी
चौघड़िया
क्रिकेट
अन्य खेल
खेल-संसार
शेड्यूल
धर्म संग्रह
श्रीरामचरितमानस
मध्यप्रदेश
काम की बात
श्रीराम शलाका
एक्सप्लेनर
क्राइम
रामायण
महाभारत
फनी जोक्स
चुटकुले
वीडियो
फोटो गैलरी
अन्य
समाचार
बॉलीवुड
विधानसभा चुनाव
धर्म-संसार
लाइफ स्टाइल
ज्योतिष
क्रिकेट
धर्म संग्रह
श्रीरामचरितमानस
मध्यप्रदेश
काम की बात
श्रीराम शलाका
एक्सप्लेनर
क्राइम
रामायण
महाभारत
फनी जोक्स
वीडियो
फोटो गैलरी
अन्य
Happy Mothers Day Poem : मां, तुम यहीं हो...
poem on mothers day 2023 in hindi
महिमा शुक्ला
खोलूं क्या उस गलियारे को
जो छुपे रहे हैं गहरे तल में
लगे हैं ताले बिन चाबी के
मन की गांठों औ उलझन के
कुछ यादें हैं कुछ भूलें हैं.
नादानी का बचपन बीता
तेरी छाया में ही बढ़ते
रोते-हँसते जीवन बीता
जब भी कभी अटकी भटकी
न बोल सुनाये न झिड़की दी
किये इशारे सदा ऐसे तुमने
सिखा गये जीने की रीत
मौन रह कर भी यही बताया
कैसे जीना हर पल को
कठिनाई से पार हों कैसे
जीत हो या हार हो
बस अपनी करनी-कथनी हो सच्ची
कुछ भी बेहतर फिर और नहीं,
न बोझ उठा न बोझ बनो तुम
राह अपनी खुद चुनो तुम।
तब तो यह न जाना था
फिर माँ बन कर ही माँ को जाना
आज तुम नहीं हो तब सोई थीं।
आंखें अधखुली पर गीली थीं,
जिन आंखों से मैंने दुनिया समझीँ
फिर तुम्हें बताया जो मैंने देखा
तुम मौन हो आज निश्चेष्ट हो
आंसू से नहीं दूंगी विदाई
जिस पीड़ा से जन्मा मुझको
वही समा गयी हो जैसे मुझमें ,
जाओ! जहां जाना हो तुमको
समेट लिया सब कुछ आंखों में
बहुत दूर हो गई हो मुझसे
पर समा गई हो अंतर में
स्नेह तुम्हारा - फ़िक्र तुम्हारी
कुछ अलग नहीं
माँ का तो मानस होता ही ऐसा
सो,
हर माँ में पा लेती हूँ
स्पर्श तुम्हारा-अंश तुम्हारा।
ALSO READ:
मां पर हिंदी में कविता : माँ आचमन है, माँ उपवन है...
ALSO READ:
माँ पर कविता : माँ चाहती थी दिखूं मैं सुंदर...
वेबदुनिया पर पढ़ें
समाचार
बॉलीवुड
ज्योतिष
लाइफ स्टाइल
धर्म-संसार
महाभारत के किस्से
रामायण की कहानियां
रोचक और रोमांचक
सम्बंधित जानकारी
मां पर कविता : मां मुझको भी तुम जादू की छड़ी ला दो न...
Mother's Day Quotes : मां के बारे में किसने क्या कहा, तुरंत जानिए यहां
मदर्स डे पर हिन्दी कविता : तुम पृथ्वी सी मेरा ग्रह, मैं चंद्रमा सी तुम्हारा उपग्रह
mothers day 2023 : मातृ दिवस पर 10 कविताएं
Mother’s Day 2023: मदर्स डे पर बेस्ट 3 कविताएं
जरुर पढ़ें
चलती गाड़ी में क्यों आती है नींद? जानें इसके पीछे क्या है वैज्ञानिक कारण
सर्दियों में नाखूनों के रूखेपन से बचें, अपनाएं ये 6 आसान DIY टिप्स
क्या IVF ट्रीटमेंट में नॉर्मल डिलीवरी है संभव या C - सेक्शन ही है विकल्प
कमर पर पेटीकोट के निशान से शुरू होकर कैंसर तक पहुंच सकती है यह समस्या, जानें कारण और बचाव का आसान तरीका
3 से 4 महीने के बच्चे में ये विकास हैं ज़रूरी, इनकी कमी से हो सकती हैं समस्याएं
नवीनतम
नैचुरल ब्यूटी हैक्स : बंद स्किन पोर्स को खोलने के ये आसान घरेलू नुस्खे जरूर ट्राई करें
Winter Skincare : रूखे और फटते हाथों के लिए घर पर अभी ट्राई करें ये घरेलू नुस्खा
Kaal Bhairav Jayanti 2024: काल भैरव जयंती पर लगाएं इन चीजों का भोग, अभी नोट करें
चाहे आपका चेहरा हो या बाल, यह ट्रीटमेंट करता है घर पर ही आपके बोटोक्स का काम
डायबिटीज के लिए फायदेमंद सर्दियों की 5 हरी सब्जियां ब्लड शुगर को तेजी से कम करने में मददगार
ऐप में देखें
x