1. रूटीन से बाहर नहीं निकलते हैं : कई लोग हैं जो निरंत बस रोज रूटीन वर्क करने में ही इस कदर लगे हुए हैं कि उन्हें लगता है कि बस इसके अलावा कुछ नहीं है। वे वही घिसी पिटी जिंदगी जीए जाते हैं और कभी उससे बाहर निकलने का सोचते भी नहीं है। जिंदगी में यदि सफल होना है तो सफल होने के बारे में सोचना भी होगा। यदि आप आगे बढ़ने के बारे में सोचेंगे ही नहीं तो भला कैसे आगे बढ़ पाएंगे?
3. करते हैं पर कोई प्लान नहीं : सोचते हैं और अब करते भी हैं पर उनके पास करने के लिए कोई प्लान भी नहीं होता है। मतलब यह कि बगैर सोचे समझे कुछ तो भी करते रहते हैं और फिर उस कार्य में असफल होते रहते हैं। ऐसे कई लोग हैं जो यह कहते मिल जाएंगे कि अरे यार बहुत मेहनत की लेकि सफलता नहीं मिली। कभी ये काम तो कभी वो काम।
4. सबकुछ खुद ही करते हैं : कई लोग ऐसे भी हैं जो कार्य तो सही दिशा में कर रहे हैं लेकिन सबकुछ खुद ही करना चाहते हैं। मतलब अकेले ही सफल होना चाहते हैं। दुनिया में टाटा, बिड़ला या अंबानी जैसे लोग अकेले ही सफल नहीं हुए थे उन्होंने अपने सपनों के साथ दूसरों के सपनों को भी पुरा किया था। दो हाथ की बजाए चार या चालीस हाथ पैदा करें। 24 घंटों को 240 घंटों में बदलना सीखें।
5. लक्ष्य पर ध्यान नहीं देते हैं : लक्ष्यहिन लोग, संस्था या संगठन सभी भटककर असफल हो जाता है। अत: हमेशा अपने लक्ष्य से भटके नहीं उस पर पूरा फोकस करें। एक कार्य पूर्ण करके ने बाद ही दूसरे कार्य को हाथ में लें। जब तक कोई कार्य पूर्ण नहीं हो जाता अपने लक्ष्य को बदलें नहीं।