तीसरी कहानी : एक व्यक्ति ने अपने सिद्ध गुरु से पूछा कि गुरुजी आपसे कोई पाप नहीं होता, आपको क्रोध नहीं आता और आप सदा प्रेमपूर्ण और शांत चित्त बने रहते हैं तो इसका राज क्या है? उसके सिद्ध गुरु ने एकदम से व्यवहार बदलते हुए कहा, यह बात तो छोड़ों मैं तुम्हें एक दु:खद सूचना देना चाहता हूं। उसने कहा, क्या गुरुजी। गुरुजी ने कहा कि आज से ठीक तीसरे दिन शाम को तुम्हारी मौत हो जाएगी। यह सुनकर तो उसके पैरों के नीचे से जमीन हिल गई। वह रोने लगा। गुरुजी ने कहा कि अब तुम देख लो तुम्हें क्या करना है।