वो इंद्रधनुष के 7 रंगों को, सूर्योदय की महिमा को, सूर्यास्त की सुंदरता को, मयूर की पूछ को.. तो ये सब हम जो अनुभव कर पाते हैं इसमें हम कृपा मानें। इसी प्रकार से भगवान ने ये जो दो कान दिए हैं तो अगर हम बहरे नहीं हैं तो इसका मतलब प्रत्येक काम में 24 हजार फाइबर फिट हैं जिसके द्वारा हम सुन सकते हैं। बच्चों की तोतली भाषा, इत्यादि इत्यादि। इसको भी हम कृपा मानें। अब को कृपाओं को सोचेंगे वे विभोर रहेंगे।