ये वतन है हमारा और हम इसके पहरेदार हैं...युद्ध की जीत के नाम पढें ये 20 जोशीले शेर

WD Feature Desk

शनिवार, 10 मई 2025 (14:30 IST)
sher shayari on victory: भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव और हाल ही में हुए पहलगाम-बैसारन आतंकी हमले के बाद भारत ने ऑपरेशन ‘सिंदूर’ के जरिए अपना कड़ा जवाब दे रहा है। सीमाओं पर जहां हमारी सेनाएं तैयार हैं, वहीं देश के अंदर सिविल डिफेंस ड्रिल्स, ब्लैकआउट की आशंकाएं और जनता को तैयार रहने की सलाह दी जा रही है। ऐसे माहौल में केवल हथियार नहीं, हौसला भी जरूरी होता है। शब्दों का युद्ध भी मनोबल को मजबूती देता है। देशभक्ति के शेर और जज्जबात और दिल में उतरते हैं, तो डर की जगह जुनून ले लेता है। यह लेख उन 20 जोशीले शेरों का संग्रह है, जो हर भारतीय को युद्ध जैसी स्थिति में हिम्मत, गर्व और आत्मबल से भर देते हैं।
 
युद्ध पर देशभक्ति शेर -

"मिट जाएं हम तो कोई गम नहीं,
बस तिरंगा झुके ना कभी ये यकीन है हमें।"
 
"हम अपने लहू से इतिहास लिखते हैं,
जब दुश्मन ललकारे तो सरहद पर दीवार बनते हैं।"
 
"मां के चरणों में स्वर्ग है,
और वतन के लिए मरना भी इबादत है।"
 
"वो कौन सा मंजर था जो आंखों को रुला गया,
जब एक सिपाही तिरंगे में लिपटकर घर आ गया।"
 
"जिस मिट्टी ने हमें जन्म दिया,
उसी मिट्टी के लिए मर जाना गर्व है।"
 
इन शेरों में केवल शब्द नहीं, देश के लिए मर-मिटने का जुनून भी झलकता है। जब घर के हर कोने में ये अल्फाज गूंजते हैं, तो डर भागता है और आत्मबल जागता है।
 
"हवा में गर्मी है क्योंकि जवानों का लहू बहा है,
हर गोली ने बताया है, ये देश किसी से कम नहीं।"
 
"जो आंख उठी वतन की ओर, वो फोड़ दी जाएगी,
हम हिंदुस्तानी हैं, जवाब भी लोहा देते हैं।"
 
"सीमा की हर बर्फ़ीली रात में
एक सैनिक अपनी नींद कुर्बान करता है।"
 
"ये वतन है हमारा, और हम इसके पहरेदार हैं,
दुश्मन चाहे जितना ताक़तवर हो,
हमारे इरादे उससे भी ज़्यादा फौलादी हैं।"
 
"तलवार नहीं, इरादे बोलते हैं,
जब भारत का जवान सीमा पर होता है।"
 
इन शेरों को बोलना नहीं, जीना चाहिए। ये वो अल्फाज हैं जो नागरिकों को युद्ध जैसी स्थिति में भी डटकर खड़े रहने का साहस देते हैं।
 
"हम पर हमला करना दुश्मन की भूल है,
क्योंकि हम चुप रहें तो तूफ़ान शांत नहीं होता।"
 
"हम पर वार करने वाला ये न समझे
कि हम सह लेंगे,
हम वो हैं जो हर वार का हिसाब रखते हैं।"
 
"जो आंख दिखाएगा उसे जवाब मिलेगा,
भारत अब चुप नहीं बैठेगा।"
 
"ना गोली से डरते हैं,
ना मौत से भागते हैं,
हम हिंदुस्तान के सपूत हैं,
दुश्मन के घर में घुस कर मारते हैं।"
 
"कफन ओढ़े जवान जब चलते हैं,
तो दुश्मन की बंदूकें खुद नीचे झुक जाती हैं।"
 
युद्ध मानसिक ताकत से भी जीते जाते हैं, और ये शेर उस मानसिक युद्ध के हथियार हैं जो जनता में लहर पैदा करते हैं।
 
"जिन्हें भारत की जीत पर शक है,
उन्हें एक बार जवानों की आंखों में देखना चाहिए।"
 
"हम जीतेंगे, क्योंकि हमारा इरादा साफ़ है,
हमारे खून में देश है, और दिल में तिरंगा।"
 
"दुश्मन की हर चाल नाकाम होगी,
भारत का हर बेटा अब जंग के लिए तैयार है।"
 
"भारत मां की गोद में बैठकर
अब दुश्मन को मात देंगे,
अबकी बार केवल जवाब नहीं, हिसाब देंगे।"
 
"ये जीत का सफर सिर्फ़ फौज का नहीं,
हर नागरिक का है –
जो देश के लिए हर कीमत पर खड़ा है।"
 
इन अंतिम पांच शेरों को पढ़ते हुए मन में गर्व उठता है। जीत का विश्वास तभी आता है जब देश एकजुट होता है। ये शेर देश की एकता और संकल्प को दर्शाते हैं। 
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