Top 10 Waterfalls of India : भारत में हजारों को झरनें या कहें कि जल प्रपात हैं। इन्हें अंग्रेजी में वाटरफॉल कहते हैं। जुलाई के माह में या बारिश में इन झरनों को देखना बहुत ही अद्भुत अनुभव रहता है। हालांकि बारिश के बाद भी आप भारत के इन 10 प्रमुख झरनों को देखने जा सकते हैं।
1. मेघालय के झरने : मेघालय को तो झरनों का प्रदेश ही कहा जाता है। यहां नोहकालीकई झरना पूर्वोत्तर भारत के मेघालय राज्य में पूर्वी खासी हिल्स जिला में स्थित है जो लगभग 340 मीटर ऊंचा है और यहां 12 माह ही बारिश होती रहती है। पश्चिमी खासी हिल्स जिला में लांगशिआंग झरना है जो लगभग 337 मीटर ऊंचा है। इसके अलावा नोह्स्न्गीतीआंग झरना पूर्वी खासी हिल्स जिला में स्थित है जो लगभग 315 मीटर ऊंचा है। इस झरने को सेवेन सिस्टर वाटरफॉल या मांसमाई फॉल के नाम से भी जाना जाता हैं क्योंकि यह झरना सात भागों में बंटा हुआ है जो मांसमाई गांव से लगभग 1 किलोमीटर दूर है। एक अन्य झरना काईनरेम झरना मेघालय के चेरापूंजी में ही पूर्वी खासी हिल पर एक और झरना है जो लगभग 305 मीटर ऊंचा है। चेरापूंची से लगभग 12 किलोमीटर दूर यहां पर थांगखारंग पार्क भी मौजूद है। क्यन्रएं झरना भी यहां मौजूद है। उपरोक्त सभी जगहों पर 12 माह ही बारिश होती रहती है।
2. दूधसागर झरना : यह झरना भारतीय राज्य गोवा के पश्चिमी मंडोवी नदी से निकलता है जो कि पश्चिमी घाट के पहाड़ों के ऊपर से गिरता है। यह लगभग 320 मीटर ऊंचा है और इस झरने के पास ही भगवान महावीर अभ्यारण भी मौजूद है। यह झरना गोआ की राजधानी पणजी से 60 कीलोमीटर दूर कर्नाटक और गोवा राज्य के बॉर्डर पर मौजूद है।
3. धुआंधार झरना : यह स्थान मध्यप्रदेश के जबलपुर के पास भेड़ाघाट में है। यहां के वाटरफॉल को धुआंधार जल प्रपात कहते हैं जो लगभग 10 मीटर की ऊंचाई से नीचे गिरता है। यह प्रसिद्ध जल प्रपात बहुत ही सुंदर संगमरमर की दो पहाड़ियों के बीच से निकलता है। इसकी छटा अनुपम है और पानी के गिरने की आवाज दूर तक सुनाई देती है। पानी जब नीचे गिरता है तो उपर तक उझाल मारता है जिसके चलते ही इसे धुआंधार करते हैं। जहां पर यह वाटरफॉल है वहां पर सफेद संगमरमर के दो पहाड़ों के के बीच नर्मदा नदी बहती है। नर्मदा में नौका-विहार करने का रोमांच ही कुछ और है।
4. कुंचिकल झरना : कुंचिकल जलप्रपात कर्नाटक के शिमोगा जिले में मस्थीकट्टे के पास निदगोडु गांव में स्थित है। इस झरने की ऊंचाई 455 मीटर (1493 फीट) है। यह भारत के सबसे ऊंचे झरनों में से एक है। कुंचिकल झरने को स्थानीय लोग कुंचिकल अब्बे के नाम से भी जानते है। वराही नदी के साथ बहने वाली अन्य कई नदियां मानसून के दौरान यहां के कई झरनों के संग मिल जाती है। इसलिए मानसून में हम कुंचिकल झरने के आसपास और कई छोटे झरने बहते देखते हैं। यहां का सबसे करीबी एयरपोर्ट बेंगलुरु है। कर्नाटक के ही शिमोगा में स्थित एक और बरकाना झरना 259 मीटर ऊंचा है। यह झरना भी सीता नदी के द्वार पश्चिमी घाट के पहाड़ों से ही नीचे गिरता है। इसी जिले में शरावती नदी द्वारा 253 मीटर की ऊंचाई पर एक झरना गिरता है जिससे जोग फॉल्स कहते हैं।
5. बरेहिपानी झरना : उड़ीसा के मयूरभंज में सिम्पलीपाल नेशनल पार्क में 399 मीटर की ऊंचाई से गिरता है बरेहिपानी झरना। इसे भारत का दूसरा सबसे ऊंचा झरना माना जाता है। पूर्वी घाट की पर्वतमाला मेघासुनी पर्वत के बुद्धाबलंगा का नदी से निकलने वाला यह झरना बहुत ही मनोरम है। इसी झरने के बगल में एक और झरना है, जिसका नाम जोरंडा झरना है।
6. मीनमुट्टी झरना : यह झरना केरल के वायनाड जिले में पश्चिमी घाट पर स्थित है। केरल पश्चिमी घाट के प्राकृतिक सुरम्यता से घिरा हुआ है। केरल में स्थित ये झरना 300 मीटर तक ऊंचा हैं।
7. थलईयार झरना : तमिलनाडु थेणी जिले के देवाधानापट्टी में थालाईयार झरना भारत के कुछ सबसे सुंदर झरना में से गिना जाता है जो लगभग 297 मीटर ऊंचा है।
8. पचमढ़ी के झरने : झरनों के लिए आप मध्यप्रदेश के पचमड़ी में जाएं यहां बहुत सारी झरने हैं। रजत प्रपट पचमढ़ी का सबसे बड़ा और खूबसूरत झरना है। 106 फीट ऊंचा ये झरना पचमढ़ी में सबसे जायदा देखे जाने वाली जगहों में से एक है। इसके बाद बी फॉल झरना है, यह एक 35 मीटर ऊंचा झरना है, जो दिखने में बेहद सुंदर है। रजत प्रपात के रास्ते में, अप्सरा एक छोटा झरना है जिसका पानी एक तालाब में जमा होता है। यह जगह पचमढ़ी के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थल बी फॉल में आने से पहले कुछ शांत समय के लिए रुकने के लिए आदर्श है।
9. रांची : रांची को झरनों का शहर कहा जाता है। यहां जिले में पर अनगिनत झरने बहते हैं। रांची में जोन्हा जलप्रपात खास लोकप्रिय है जो पुरुलिया राजमार्ग पर स्थित रांची से 45 किमी दूर स्थानीय गांव जोन्हा में स्थित है। इसके अलावा यहां पर हुंडरू जलप्रपात, दशम जलप्रपात, सीता जलप्रपात, पंचघाघ और हिरणी जलप्रपात भी देखने लायक है।
10. चित्रकूट झरना : छत्तीसगढ़ में बस्तर संभाग के चित्रकूट में भी बहुत ऊंचाई से झरना गिरता है। जगदलपुर से 39 किमी दूर इन्द्रावती नदी पर यह जलप्रपात बनता है। इस जल प्रपात की ऊंचाई 90 फीट है। हालांकि इस झरने की चौड़ाई ज्यादा है।