कांग्रेस का घोषणापत्र युवाओं के भविष्य का आधार : कमलनाथ
शुक्रवार, 20 जुलाई 2018 (00:25 IST)
भोपाल। कांग्रेस की मध्यप्रदेश इकाई के अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा है कि पार्टी जो घोषणा-पत्र बनाना चाहती है, वह आज या कल का नहीं बल्कि भविष्य का घोषणा-पत्र है, जिसका सीधा संबंध युवाओं से है। कमलनाथ गुरुवार को यहां प्रदेश कांग्रस कार्यालय में युवा कांग्रेस द्वारा घोषणा-पत्र पर केंद्रित युवाओं की बैठक को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने आज ही पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ, नगरीय निकाय प्रकोष्ठ और सहकारिता प्रकोष्ठ की बैठक को भी संबोधित किया। इन बैठकों में उन्होंने कार्यकर्ताओं को चुनाव की तैयारी में जुट जाने और भाजपा सरकार की कमियों को उजागर करने के लिए कहा। युवा कांग्रेस की बैठक में उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने अपनी नीतियों से सभी आर्थिक गतिविधियां ठप कर दी हैं।
आर्थिक गतिविधियां ठप होने से युवा बेरोजगार हैं। यदि हमारी आर्थिक गतिविधियां खत्म हो जाएंगी तो युवाओं के भविष्य की सुरक्षा कैसे होगी। कमलनाथ ने कहा कि आज बैंकों का एनपीए (नॉन पैमेंट एमाउंट) ग्यारह लाख करोड़ रुपए है। कांग्रेस के समय कोयले की खदानें आवंटित की जाती थीं, लेकिन भाजपा सरकार ने इसकी नीलामी कर दी। भाजपा ने कहा कि हमने 1 लाख चालीस करोड़ रुपए कमाए, लेकिन एक कौड़ी भी जमा नहीं हुई और लोग कोर्ट चले गए। नतीजन जो नए पावर हाउस बने थे, वे बंद हो गए।
उन्होंने बैंक से जो ऋण लिया था, वह एनपीए में बदल गया और हमारी आर्थिक गतिविधियां ठप हो गई। पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ की बैठक में उन्होंने कहा कि हम किसी भी जाति के ऐसे उम्मीदवार को राजनीतिक प्रतिनिधित्व देंगे, जिसकी स्वीकार्यता अन्य समाज में भी है, जो जनता से सीधा जुड़ा हो और जिसका तगड़ा जनाधार हो। कांग्रेस की परंपरा सभी समाजों को साथ में लेकर चलने की है।
नगरीय निकाय प्रकोष्ठ की बैठक में प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि शहरों के हर वार्ड में मोहल्लेवार समितियां गठित की जाकर उन्हें बूथवार जिम्मेदारी दें। आज की राजनीति में वार्ड के नेता नहीं, बल्कि मोहल्ले के नेता की चलती है। हमें हर वार्ड में स्थानीय लोगों को जोड़कर छोटे यूनिट वाला संगठन बनाना है। चुने हुए भाजपा जनप्रतिनिधि को फोकस कर स्थानीय स्तर पर उसकी कमियों को उजागर करें।
सहकारिता प्रकोष्ठ की बैठक में उन्होंने कहा कि सहकारी क्षेत्र के सीनियर लीडर को एक-एक जिले की जिम्मेदारी दें। जिलेवार कांग्रेस सहकारिता प्रकोष्ठ की समितियां गठित की जाए। समिति के सदस्य गांव में जाकर सहकारी साख समितियों की अनियमितताओं को उजागर करें। कमलनाथ ने कहा कि भाजपा सरकार सहकारी आंदोलन को नष्ट करने पर तुली हुई है। प्राथमिक सहकारी संस्थाओं, सहकारी बैंकों और अपेक्स सहकारी संस्थाओं के चुनाव किसी न किसी बहाने टाल दिए गए हैं। सहकारिता से जुड़े लोग किसानों के बीच में जाकर इस बात को जोर शोर से प्रचारित करें। (वार्ता)