उन्होंने कोयला और दूरसंचार समेत विभिन्न क्षेत्रों में पूर्ववर्ती संप्रग सरकार के कार्यकाल में सामने आए घोटालों का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि बतौर प्रधानमंत्री, मनमोहन उन्हीं मामलों में निर्णय लेते थे, जिनमें कुछ लोगों को बेजा आर्थिक फायदा होने की गुंजाइश होती थी। उनके प्रधानमंत्री रहने के दौरान देश में कुल 11 लाख करोड़ रुपए का भ्रष्टाचार किया गया था।
विजयवर्गीय ने कहा, 'मनमोहन मूलतः अर्थशास्त्री हैं। लेकिन प्रधानमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान देश की अर्थव्यवस्था की हालत बेहद खराब हो गई थी। मनमोहन सरकार में महंगाई और राजकोषीय घाटा बढ़ गया था, जबकि बुनियादी ढांचे के लिए सरकारी निवेश में गिरावट दर्ज की गई थी।'
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की अगला लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने की हालिया घोषणा के बारे में पूछे जाने पर भाजपा महासचिव ने कहा कि स्वराज ने हालांकि अपने किडनी प्रत्यारोपण के बाद उभरे स्वास्थ्य कारणों से चुनाव नहीं लड़ने की बात कही है। लेकिन भाजपा उन्हें चुनाव लड़ने का आदेश देती है, तो उन्हें इसका पालन करना होगा। (भाषा)