भोपाल। मध्यप्रदेश में इस बार कांग्रेस की सरकार बनाने में मालवा ने फिर बड़ी भूमिका निभाई है। कहा भी जाता है कि जिस पार्टी ने मालवा की 66 सीटों पर अच्छा प्रदर्शन किया, सूबे में उसी पार्टी की सरकार बनती है।
इस बार चुनाव में कांग्रेस ने मालवा की कुल 66 सीटों में से आधे से एक अधिक यानी 34 सीटों पर अकेले जीत दर्ज की, वहीं 3 सीटों पर उसके बागी नेताओं ने परचम लहराया, जो चुनाव नतीजों के बाद अब कांग्रेस के साथ हैं यानी कांग्रेस को अपना समर्थन दे दिया है।
वेबदुनिया ने भी वोटिंग के बाद अपने चुनावी विश्लेषण में मालवा में कांग्रेस के अच्छा प्रदर्शन करने का अनुमान जताया था। मालवा की सीटों का जिलेवार जो विश्लेषण वेबदुनिया ने किया था, उस पर चुनावी नतीजों ने मोहर लगा दी।
इंदौर जिले में इस बार कांग्रेस की सीट बढ़ने और पांच नतीजे बीजेपी के पक्ष में आने और चार नतीजे कांग्रेस के साथ होने का जो अनुमान जताया था, वह एकदम सटीक बैठा। उज्जैन जिले की 7 विधानसभा सीटों में से 5 सीटों पर चुनाव नतीजे वेबदुनिया की खबर पर मोहर लगाते हैं।
ठीक इसी तरह रतलाम की 5 में से 4, शाजापुर, शुजालपुर, कालापीपल, आगर, सुसनेर, खंडवा, हरसूद, मांधाता, जावद, पेटलावद, बदनावर, धरमपुरी, गंधवानी, सरदारपुर सहित अधिकांश सीटों पर वेबदुनिया के अनुमान पर चुनावी नतीजों ने मोहर लगाई है। मालवा की कई सीटों पर भाजपा का प्रदर्शन गिरा है।