चाहे कोई भी कपल हो, शादी हो चुकी हो या गर्लफ्रैंड-बॉयफ्रैंड का रिश्ता हो, छोटे-मोटे झगड़े तो सभी कपल्स में होते ही है। लेकिन झगड़ों की स्थिति से बाहर आने के लिए आप कौन सा तरीका अपनाते हैं? ये ज्यादा महत्वपूर्ण है। आइए, जानते हैं उन 5 तरीकों या कहें कि पैटर्न्स के बारे में, जो झगड़े के दौरान अधिकांश कपल्स अपने बिहेवियर में दिखाते हैं।
कई कपल्स बहस करते हुए ऐसी स्थिति में पहुंच जाते हैं, जहां अपने साथी के लिए वे काफी जहर उगल देते हैं व दूसरों के सामने उनकी उपेक्षा तथा बातों को अनसुना करना जैसी हरकतें करते हैं। ऐसे व्यवहार को झगड़ा खत्म होने के बाद भी भुला पाना साथी के लिए आसान नहीं होता है। ये बातें दिल को इस कदर चोट पहुंचाने वाली होती हैं, जो अपमान व तिरस्कार के समान होती हैं। ऐसा व्यवहार करने वाले साथी के प्रति सम्मान खत्म होने लगता है।
2. जब झगड़े में शामिल हो आलोचना-
किसी भी चीज या व्यक्ति विशेष में कमी निकालने की कई लोगों को आदत-सी होती है। जिनके स्वभाव में यह आदत घुल चुकी हो, फिर वे अपने रिश्तों में भी आलोचनात्मक रवैया अपनाते हैं। अपने साथी को सही फीडबैक देना व कभी-कभी उनकी किसी बात की आलोचना करना तो ठीक है, लेकिन जब ऐसा अक्सर व हर किसी बात पर होने लगे तो आप उनके आत्मसम्मान को ठेस पहुंचा रहे हैं और ऐसा करके अपने रिश्ते में कड़वाहट ही घोल रहे हैं।
कई लोगों को जब मालूम चलता है कि उनसे कोई गलती हो गई है, तब वे झगड़े कि स्थिति में डिफेंसिव अप्रोच अपनाते हैं यानी कि खुद को सही साबित करने की कोशिश करने में तर्क-वितर्क व बहस करने लगते हैं। यहां तक कि अपनी गलती ढंकने के लिए साथी की गलतियां गिनवाने लगते हैं। अगर आपका भी झगड़े की स्थिति से निपटने का ये पैटर्न है, तो जान लीजिए कि यह तरीका छोटी-सी बात का बतंगड़ बनाने के लिए काफी है।
4. जब झगड़े में बंद हो जाए बातें-
आपने ऐसे कई लोग देखे होंगे, जो झगड़े की स्थिति से बचने के लिए संवाद के सारे रास्ते ही बंद कर देते हैं। लेकिन एक-दूसरे से बातचीत ही नहीं करना कब तक चल सकेगा? जो लोग झगड़े से बचने के लिए ये पैटर्न अपनाते हैं, वे जान लें कि ये सबसे खतरनाक तरीका है। जितनी ज्यादा देर बातें बंद होंगी, मन में दरारें उतनी गहरी होती जाएंगी। ये तरीका रिश्तों को आने वाले समय में खत्म ही करके छोड़ेगा।
ऐसे भी लोगों की कमी नहीं है, जो हमेशा खुद को बेचारी व बेचारा देखाते हैं। ये लोग अपनी स्थिति के लिए साथी को आत्मग्लानि से भर देते हैं और स्वयं के ईगो को संतुष्ट करते हैं। तो अगर अनजाने में भी आप विक्टिम कार्ड खेल रहे हों, तो ध्यान दें कि ऐसा करने से साथी आपसे कोई भी बात खुलकर नहीं कर पाएगा व हो सकता है कि आगे से वह आपसे बातें करने से ही डरे। विक्टिम कार्ड खेलना आपके रिश्तों को नुकसान ही पहुंचाएगा व यह भी संभव है कि ऐसा करके आप सामने वाले के लिए बोझ बन जाएं।