पाकिस्तान के लिए गुजरे मंगलवार का सवेरा कालिखभरा था। वह शायद ही कभी इसे भूल पाएगा। भले ही भारत के जवाब को कुछ भी नाम दिया जाए लेकिन यह सच है कि पाकिस्तान बेहद घबराया हुआ दिख रहा है। पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने भी हाल ही में दुबई में पाकिस्तान को बिना होमवर्क भारत से लड़ने से गुरेज की सलाह दी थी। पूर्व सेना प्रमुख के साथ राष्ट्रपति रह चुके मुशर्रफ ने भारत की ताकत को पहली बार खुलेतौर पर मानकर पाकिस्तान की मुश्किलें ही बढ़ाईं। लेकिन फिर भी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान पुलवामा हमले का सबूत मांगते रहे।
निश्चित रूप से पूरी दुनिया को पता है कि जैश का पनाहगार कौन है? पाकिस्तान की ऐसी ही झूठी चालों के जवाब में भारत ने भी गच्चा देते हुए जिस तरह से सोमवार को ही पुंछ और रावलकोट के बीच चलने वाली राह-ए-मिलन तथा श्रीनगर में कारवां-ए-अमन बस सेवा, जो हफ्ते भर से बंद थी, को बहाल किया उससे पाकिस्तान को कुछ सुकून मिला। वह इस मुगालते में जरूर था कि इतनी जल्दी ऐसा कुछ नहीं होगा, जो भारत ने कर दिखाया।
हालांकि भारत के पास इस बात की पुख्ता और खुफिया जानकारी थी कि पाकिस्तान की शह पर पनप रहे जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी भारत में कई जगहों पर आतंकी हमलों की तैयारी में थे जिसके बाद नियंत्रण रेखा पार कर कार्रवाई करने का फैसला लेने में जरा सी भी देर नहीं की गई। महज 21 मिनट की उड़ान और केवल 90 सेकंड के एयर सर्जिकल स्ट्राइक ने एकसाथ 3 आतंकी ठिकानों पर जो कहर बरपाया, उसने पूरी दुनिया का ध्यान खींच लिया। हालांकि इस बात आशंका थी कि भारत कुछ बड़ा करेगा तथा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनॉल्ड ट्रंप ने भी यही इशारा किया था। लेकिन पाकिस्तान है कि जो मानता ही नहीं। जैश के आतंकी पनप तो रहे हैं बल्कि उन्हें पूरी सुरक्षा और मदद भी दी जा रही है। ऐसे में भारत के सामने सिवाय कुछ करने के रह भी क्या जाता है?
भारत के मिराज 2000 विमानों ने 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर जो दमखम दिखाया था, उससे ठीक एक महीने बाद 26 फरवरी को पीओके में घुसकर कर 12 विमानों ने सच कर दिखाया और बालाकोट, चिकोटी तथा मुजफ्फराबाद में आतंकियों के लॉन्च पैड्स पर 1,000 किलो बम गिराकर जैश के कंट्रोल रूम को तबाह कर दिया। बालाकोट में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सबसे बड़े ठिकाने को ध्वस्त कर दिया गया।
इस हमले में जैश सरगना मसूद अजहर के साले मौलाना यूसुफ अजहर के भी मारे जाने की खबर है। यूसुफ कंधार विमान अपहरण में भी शामिल था। भारत की यह कार्रवाई इतनी गुप्त और सुनियोजित थी कि पाकिस्तान को बचाव का मौका का तक ही नहीं मिला। हालांकि कुछ सूत्र कहते हैं कि पाकिस्तान अपने एफ-16 विमानों के जरिए जवाब की कोशिश में जरूर था लेकिन भारतीय वायुसेना की तैयारी और जोश को देखकर वह पीछे हट गया। यदि ऐसा भी है तो भी पाकिस्तान की बिसात ही पता चलती है।
दुनिया जानती है कि पाकिस्तान की आर्थिक हालत खस्ताहाल है लेकिन उसकी लंबी जुबान अभी भी कैंची के जैसी ही चल रही है। पाकिस्तान ने बेतुके बयान और गीदड़-भभकियां भी देनी शुरू कर दी हैं। उसकी दोमुंही बातों से ही घबराहट झलक रही है। वह एक तरफ एयर स्ट्राइक को नाकाम बताने की कोशिश कर रहा है, तो दूसरी तरफ इसे आक्रामक हमला भी बता रहा है।
भारत की इस कार्रवाई में बालाकोट में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का सबसे बड़ा ठिकाना तो नेस्तनाबूद हुआ ही, साथ ही जैश सरगना मसूद अजहर के साले मौलाना यूसुफ अजहर के मारे जाने की भी खबर है जबकि मसूद को सोमवार को ही पाकिस्तान फौज के मुखिया जनरल बाजवा सुरक्षित जगह ले जा चुके हैं। यह वही यूसुफ है, जो कंधार विमान अपहरण में भी शामिल था। जाहिर है पाकिस्तान जान-बूझकर आतंकियों को खत्म करना तो दूर, उन्हें उल्टा पनाह दे रहा है ऐसे में भारत के सामने खुद ही कुछ करना जरूरी हो गया था।
जिस बालाकोट को भारतीय वायुसेना ने निशाना बनाया है, वह पाकिस्तान के खैबर-पख्तूनख्वा प्रांत के मानसेहरा जिले में है। 2005 में भूकंप से इसकी तबाही के बाद पाकिस्तान सरकार और सऊदी अरब की मदद से शहर को दोबारा खड़ा किया गया। बालाकोट लंबे वक्त से आतंकी और जिहादी गतिविधियों का केंद्र है। बंटवारे के बाद से ही जनरल जिया उल हक के जमाने में यह आतंकी गतिविधियों का केंद्र बन गया था, इसी कारण अमेरिका की रेडार पर भी है। मानसेहरा, झेलम सहित कुछ और इलाकों में पाक समर्थित आतंकी संगठनों को बसाने का काम पाकिस्तानी आर्मी कर रही है।
इधर अमेरिका ने भी अपने सैनिक सीरिया और अफगानिस्तान से हटा लिए हैं। सीरिया और यमन गृहयुद्ध में सऊदी, यूएई एक तरफ तो रूस और ईरान एक तरफ थे जबकि अमेरिका सऊदी की तरफ था जिसकी रुचि अब घट गई है वहीं सऊदी अरब और यूएई पाकिस्तान के मित्र हैं लेकिन युद्ध में व्यस्त हैं तो स्वाभाविक है पाकिस्तान की तरफ कम रुचि होगी। वहीं अमेरिका का झुकाव भारत की तरफ साथ है जबकि इजराइल हमारे साथ ही रहेगा, क्योंकि वह मुस्लिम आतंकवाद का कट्टर विरोधी है। ऐसे में अलग-थलग पड़े पाकिस्तान पर क्या गुजर रही होगी, समझा जा सकता है।
यह सच है कि युद्ध कोई विकल्प नहीं है लेकिन आतंक को पनाह देना भी कोई समझदारी नहीं। जाहिर है भारत के जोश से पाकिस्तान जरूर बेहोश है और देखना कि आगे होश में आएगा या यूं ही अपनी बरबादी की इबारत लिखता रहेगा!