अयोध्या पर कोर्ट का फैसला आ चुका है..
देश के भीतर...या सीमा पर...स्थिति तनाव में...या अनियंत्रित हो ,तो नुकसान में(या प्रभावित)सबसे ज्यादा स्त्री (दोनों पक्षों की)ही होती है...पिता,पुत्र, भाई,पति...या आबरू भी तो वही खोती है...।
और हां...समी-संझा दीप जलते तो कहती--दो दीये पड़ोस की देहरी पर भी रख आना..।
बस...नन्हे दीपकों के उसी उजास की ताकत को याद कर लीजिए,जो एक दूजे के सुख में साथ झिलमिलाती थी...और दुख को भी साझा कर उसके तम को हर लेती थी.....