Board Exams Result
हर चीज हम जीतने नहीं आए हैं हम जिंदगी जीने आए हैं...
रिजल्ट्स का मौसम आया। जैसे मरने जीने का प्रश्न हो गया। सब कुछ शुरू या खत्म। जबकि जिंदगी में 'विकल्प' हमेशा हाजिर होते हैं बस हम उन्हें नजर अंदाज करते रहते हैं।पूरी गलती हमारी है। हमारे बड़े सपने हम बच्चों की आंखों में ठूंसे जाते हैं। उन्हें दूसरे आदर्शों की नहीं आपके अनुभवों से सीखने की आवश्यकता है। किताबी और अनुपस्थित आदर्श कब तक राह दिखाएंगे? आप अपने और आसपास के लोगों के संघर्ष से उन्हें प्रेरित करें। जो विश्वसनीय लगें।
जब भी बच्चों-बड़ों में डिप्रेशन अवसाद डर फियर काम्प्लेक्स कुंठा आदि के बारे में सुनती हूं, अपनी जिंदगी पर एक नजर डालती हूं कि हमने तो कभी इनका नाम ही नहीं सुना था। क्या हुआ जो मैं एक वोट से उपाध्यक्ष का स्कूल चुनाव हार गई। पर सबसे ज्यादा इनाम एनुअल फंक्शन में मुझे मिले, मैं खुश। डिबेट में साथी के कारण चैम्पियनशिप शील्ड नहीं मिली पर व्यक्तिगत पुरस्कार मिला। डांस करते समय मंच पर लहंगे का केनवास उधड़ा और बाहर झांकता रहा, मैं रुकी नहीं, पूरा परफॉर्मेंस किया बड़ी हिम्मत के साथ। फिर एन,सी.सी. केम्प में उसी डांस को राज्यस्तर पर किया, पुरस्कार भी पाया। सिंगिंग में सिलेक्शन नहीं हुआ तो स्कूल बेंड में मजा ढूंढ़ लिया, उसके कैप्टन भी बने। बात यहीं खत्म नहीं है, पसंद के विषय से डिस्टिंक्शन के साथ हाई स्कूल किया, पर परिस्थितियां विपरीत हुईं और उस विषय से कॉलेज नहीं किया। धीरे धीरे उसी में मन लगाया और आगे बढ़ते चले गए। आज डॉक्टरेट होने के साथ इनोवेशन से पढ़ना पढ़ाना जारी है।
हम डरते नहीं थे। जिंदगी को आसान माना। हम सब ऐसे ही थे। जिंदगी को गीत की तरह मानने वाले. जिसे यदि गा न पाएं तो गुनगुनाते रहने वाले। "हमने सीखा विकल्पों को अपनी पसंद बनाना"। ना पसंदगी में आनंद ढूंढना। और “लोग क्या कहेंगे?” को नजर अंदाज कर के अपने नजरिये से जीना। जो खुद में खुश नहीं वो कहीं भी खुश नहीं। खुद को जानें पहचानें आपको कभी किसी भी तरह का अंधेरा कभी नहीं डरा पाएगा। 'हर चीज हम जीतने नहीं आए हैं हम जिंदगी जीने आए हैं... .और यही जीने का नजरिया इन छोटी छोटी बातों से मैंने सीखा।