दूसरे यह भी कि नागरिक इस समय केवल अस्पतालों में बेड्स, ऑक्सीजन के सिलेंडर, रेमडेसिविर के इंजेक्शन ढूंढने में ही अपनी जानों का ज़ोर लगा सकते हैं, नरेंद्र मोदी का विकल्प तलाशने में नहीं! इस समय तो मोदी ही मोदी का विकल्प हैं। उन्हें सत्ता में बनाए रखना राष्ट्रीय ज़रूरत है। मोदी से अगर चलती लड़ाई के बीच इस्तीफ़ा मांगा जाएगा तो ख़तरा यह है कि वे बीमार नागरिकों से खचाखच भरी हुई ट्रेन को बीच जंगल में खड़ा करके किसी गुफा में ध्यान करने रवाना हो जाएंगे।