कहा गया है कि मनुष्य के जीवन का आधार 3 वस्तुएं होती हैं- रोटी, कपड़ा और मकान। लेकिन इन सभी के साथ ही जो अत्यंत आवश्यक संसाधन है, वो है शिक्षा। एक शिक्षित मनुष्य अपने जीवन का निर्माण बेहतर ढंग से कर सकता है।
शिक्षा के क्षेत्र में हमारे देश में अनेक प्रयास किए जा रहे हैं। हजारों नए महाविद्यालयों का निर्माण हर साल होता है जिसमें लाखों छात्र उत्तीर्ण होते हैं। लेकिन शिक्षा प्राप्ति की प्रथम सीढ़ी होती है स्कूली शिक्षा। शासन द्वारा स्कूली शिक्षा की दिशा में कई सराहनीय प्रयत्न किए जा रहे हैं, कई विद्यालयों में शिक्षक भी लगाकर पूरी मेहनत से छात्रों को पढ़ाते हैं।
शिक्षकों द्वारा विषय अनुसार छात्रों को विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की जानकारी भी उपलब्ध कराई जाना चाहिए जिससे कि ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियों को भी अपना भविष्य चुनने में आसानी हो व शासकीय स्कूल के विद्यार्थी भी निजी विद्यालयों की तरह विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाएं स्कूल के साथ ही उत्तीर्ण कर सकें। अगर सरकार इस दिशा में प्रयास करे तो निश्चित तौर पर ग्रामीण इलाकों से विभिन्न प्रतिभाएं उभरकर सामने आएंगी।