देश की प्राथमिकता यह होनी चाहिए कि गरीब के पेट में खाना कैसे पहुंचे, उसे काम कैसे मिले, उसे रोजगार से कैसे जोड़ा जाए? हमें यह भी ख्याल रखना होगा कि भारत सिर्फ हिन्दुओं, मुसलमानों, सिखों ईसाईयों, पारसियों या किसी एक कौम का देश नहीं है। यह गरीबों का देश है। सभी कौमों में गरीब हैं। क्या उनकी भी कोई बात करेगा? क्या महान भारत और विश्वगुरु भारत में गरीब लोगों की भी जगह होगी?