कर्नाटक चुनाव परिणाम के बाद कांग्रेस ने जैसा तेवर अपनाया हुआ है उससे ऐसा लगता है, मानो वह चुनाव हारी नहीं, जीती है। विचित्र स्थिति है! कांग्रेस को पूर्व विधानसभा में 122 सीटें थीं, जो घटकर 78 रह गईं। सिद्धारामैया सरकार के 16 मंत्री चुनाव हार गए, विधानसभा अध्यक्ष कृष्णनप्पा कोलिवार चुनाव हार गए, स्वयं मुख्यमंत्री सिद्धारामैया जो 2 स्थानों से लड़े थे उसमें से एक चामुंडेश्वरी से 36 हजार से ज्यादा वोटों से हारे। इसके अलावा और किसे हार कहते हैं? आप यदि कर्नाटक का क्षेत्रवार परिणाम देखें तो 2013 की तुलना में सभी क्षेत्रों में उसकी सीटें घटी हैं। मुंबई कर्नाटक के 50 सीटों में कांग्रेस को 17 सीटें मिली हैं जबकि 2013 में उसे 31 सीटें मिलीं थीं।