क्या कहा कोर्ट ने : सुप्रीम कोर्ट ने कहा-सेक्स और हिंसा की भूख के चलते बड़ी वारदात को अंजाम दिया। दोषी अपराध के प्रति आसक्त थे। जिस तरह से अपराध हुआ, ऐसा लगा जैसे इंसानी सभ्यता की नहीं बल्कि किसी अलग दुनिया की कहानी है। सेक्स और हिंसा की भूख के चलते इस तरह के जघन्यतम अपराध को अंजाम दिया गया। लिहाजा इस फैसले में अपराध की जघन्यता को तरजीह देते हुए इन दोषियों की फांसी की सजा बरकरार रखी जाती है। इस मामले में दोषियों की पृष्ठभूमि कोई मायने नहीं रखती। इसमें उम्र, बच्चे, बूढ़े मां-बाप होने के आधार पर सजा में कटौती की मांग रियायत की कोई वजह नहीं हो सकती। इस तरह के अपराध की कोई और कसौटी नहीं हो सकती। इस घटना ने समूचे समाज की चेतना को हिला दिया। घटना के वक्त नाबालिग समेत सभी दोषी घटनास्थल पर मौजूद थे। दिल्ली पुलिस की जांच बिल्कुल सही थी। पीडिता के बयानों पर संदेह नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि इन्हें फांसी बलात्कार के आरोप में नहीं, इनकी नृशंसता की वजह से पीडिता की मौत हो जाने के कारण दी जा रही है। वैज्ञानिक जांच और डीएनए सबूतों से भी पता चलता है कि अपराध को घृणास्पद तरीके से अंजाम दिया गया।