प्रधानमंत्री मोदी जी का 10 बजे पूरे राष्ट्र ने इंतज़ार किया, उन्हें पूरे धैर्य और लगन से सुना और समझा... मोदी जी ने 7 बातों में देश का साथ मांगकर कोरोना काल में समूचे अनुशासन और नियमों को एक सूत्र में पिरो दिया।
प्रधानमंत्री ने सबसे पहले देशवासियों को इस बात के लिए धन्यवाद दिया कि उन्होंने जारी अनुशासन और पाबंदियों के बीच रहते हुए घरों में रहकर गरिमा से त्योहार मनाए। उन्होंने कहा कि सीमित संसाधनों के बीच भारत जिस नियंत्रण के साथ कोरोना से लड़ाई लड़ा है उसकी आज विश्व भर में तारीफ हो रही है।
आज मोदी जी के संबोधन से देशवासियों में मची घबराहट निश्चित तौर पर कम हुई होगी। देश में नेतृत्व की आज जो जरूरत है उस परिभाषा पर प्रधानमंत्री खरे उतरे हैं। एक संतुलित और सुव्यवस्थित संबोधन में उन्होंने सीमित छूट की अनुमति दी लेकिन इस शर्त के साथ कि अगर थोड़ा भी नियम टूटता है, थोड़ी भी लापरवाही होती है तो सारी अनुमति तुरंत वापिस ले ली जाएगी।
लॉक डाउन 3 मई तक बढ़ा कर 20 अप्रैल तक हर राज्य और थाने को बहुत बारीकी से परखने की बात भी साथ में रख दी और कहा कि लगातार मूल्यांकन किया जाएगा कि कौन इस अग्निपरीक्षा में सफल होता है।
जरूरी गतिविधियों की सशर्त अनुमति अभी पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हो सकी क्योंकि इस पर कल एक विस्तृत गाइड लाइन जारी की जाएगी। प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया कि 1 सप्ताह कोरोना के खिलाफ लड़ाई में और ज्यादा कठोरता बरती जाएगी। खास बात यह थी कि पिछले संबोधन में कमियां निकालने वालों के मुंह बंद करने का भी इंतज़ाम था गरीब, किसान, 1 लाख बेड की व्यवस्था, अस्पताल आदि पर उन्होंने मजबूती से सरकार का पक्ष रखा।
उन्होंने युवा वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों से आह्वान किया कि मानव कल्याण के लिए आगे आएं और कोरोना वैक्सीन बढ़ाने में देश की मदद करें।
7 बातों में आपका साथ पंच लाइन के साथ अपनी चिर परिचित शैली में 7 बातों को ध्यान में रखने का आग्रह किया...
1. बुजुर्गों का ख्याल रखें।
2. लॉक डाउन नियमों का पालन-मास्क का नियमित प्रयोग करें
3. इम्युनिटी बढ़ाने के लिए आयुष मंत्रालय की गाइड लाइन का पालन करें।
4. आरोग्य सेतु मोबाइल एप डाउन लोड करें।
5. जितना हो सके गरीब परिवारों की मदद करें, देखरेख करें।
6. अपने व्यवसाय उद्योग में काम करने वालों के प्रति संवेदना रखें।
7.देश के समस्त कोरोना योद्धाओं का सम्मान करें आदरपूर्वक उनका अभिनंदन करें।
देश के मुखिया के अनुसार यही सप्तपदी हमारे विजय का मार्ग प्रशस्त करेगी। निष्ठा पूर्वक इनका पालन करने से ही हम कोरोना के खिलाफ जंग को जीत लेंगे। उन्होंने कहा कि जो जहां है वहीं सुरक्षित रहें बस यह सुनिश्चित हो।
वयं राष्ट्र जाग्रयाम... राष्ट्र को जीवंत और जागरूक बनाए रखने के आह्वान के साथ उन्होंने अपनी बात का समापन किया ... जिस ऊर्जा और ताकत की इस वक्त देश को जरूरत है मोदी जी ने अपने संबोधन में उसे सलीके से रखा।
पूरे उद्बोधन में 2 प्रमुख तारीखें निकल कर आई 3 मई और 20 अप्रैल... इन दो तारीखों पर फिर कयास लगाए जाएंगे कि यही तारीख क्यों पर मूल बात यह है कि कोरोना के खिलाफ पूरे देश को जिस चुस्ती फुर्ती के साथ एक जुट करने की आवश्यकता है मोदी जी उसमें सफल रहे हैं।