प्यार की राखी : यह राखी सलमा-सितारे और मोतियों से नहीं सजी है। यह राखी, अपने मन के आंगन में खिलने वाले प्यार के मासूम फूल से बनी है। इसे बांधने और बंधाने की यही शर्त है कि बहन और भाई दोनों यह कसम खाएं कि उनका प्यार कभी नहीं बदलेगा। हर मौसम, हर समय, हर परिस्थिति में उनके प्यार का फूल तरोताजा रहेगा। चाहे बहन पराए आंगन की तुलसी बन जाए, चाहे छमछम पायल छनकाती दुल्हन, भाई ले आए। दिल की गहराई में बसा प्यार निरंतर बढ़ता रहे, फलता-फूलता रहे। यह राखी इस मंगल त्योहार पर यही कसम चाहती है। दोनों के बीच महकते प्यार का फूल पैसों की तपिश से कभी ना मुरझा पाए।