वेंचर कैपिटल फर्म सोशल कैपिटल के सीईओ चैमथ पालीपतिया ने हाल ही में एक सनसनीखेज बयान दिया है। वे फेसबुक के वरिष्ठ कार्यकारी अधिकारी रहे हैं। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया मानव समाज के ताने-बाने को नष्ट कर रहा है। यह बात कोई और कहता, तो शायद उतनी चिंता नहीं होती, लेकिन यह बात कहने वाले शख्स को सोशल मीडिया उद्योग में कार्य करने का लंबा अनुभव है। अब वे कह रहे हैं कि उन्हें इस बात का 'भयंकर अपराधबोध' है कि उन्होंने फेसबुक कंपनी के विकास में इतना योगदान क्यों दिया? चैमथ पालीपतिया 2007 से ही फेसबुक से जुड़ गए थे और उसके यूजर ग्रोथ डिपार्टमेंट में वाइस प्रेसीडेंट थे। वे खुद स्टैंडफोर्ड स्कूल ऑफ बिजनेस के ग्रेजुएट हैं।
श्रीलंका मूल के रहने वाले पालीपतिया कह रहे हैं कि अब मुझे इस बात का एहसास हो रहा है कि हमने अपने सामाजिक ताने को तार-तार कर देने के लिए किस तरह के टूल्स ईजाद किए। अगर हम क्रूर और जंगली जानवरों को भोजन देते रहेंगे, तो एक दिन वे इतने ताकतवर हो जाएंगे कि वे ही हमें तबाह करने लगेंगे।
अब उनका कहना है कि सोशल मीडिया का उपयोग समाज के लिए खतरनाक स्थिति तक पहुंच गया है। हमने फेसबुक में जिस तरह के टूल्स बनाए, वे हमारे समाज के व्यवहार को बदल रहे हैं और एक हद तक नष्ट भी कर रहे हैं। यहां कोई सभ्यता से नहीं रहता। कोई सच नहीं बताता। झूठ और आधा सच। असहयोग और गलत जानकारी। अब यह वैश्विक समस्या बन गई है, इसके पहले केवल अमेरिकी समाज की ही समस्या थी। चिंता की बात है कि लोग एक-दूसरे के साथ किस तरह पेश आते हैं?
फेसबुक के मुख्य कर्ताधर्ताओं में से एक रहने वाले चैमथ पालीपतिया का कहना है कि मैंने बमुश्किल ही कभी फेसबुक यूज किया हो। शायद 7 साल में केवल 2 पोस्ट की है, क्योंकि फेसबुक हमारे अपने समाज में ही बड़ी-बड़ी समस्याएं पैदा कर रहा है।
फेसबुक की आलोचना करने वाले पालीपतिया ऐसे अधिकारी नहीं हैं, जो फेसबुक के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने के बाद अफसोस जता रहे हैं। 1 महीने पहले नेपस्टर कंपनी के सहसंस्थापक सीन पार्कर भी कुछ ऐसा ही विचार व्यक्त कर चुके हैं। पार्कर भी फेसबुक के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे चुके हैं और वे उसके प्रेसीडेंट थे। पार्कर की चिंता है कि फेसबुक बच्चों के दिमाग के साथ खिलवाड़ कर रहा है।
पार्कर ने यहां तक कहा कि मैं नहीं जानता, मैं जो कुछ कह रहा हूं, उसका अंजाम क्या होगा? एक ऐसा नेटवर्क, जो 200 करोड़ लोगों तक पहुंच रखता हो, वह समाज में आपकी दूसरों के साथ समझदारी और रिश्ते को बदल सकता है। केवल भगवान जानता है कि हम अपने बच्चों के दिमाग के साथ क्या कर रहे हैं?
फेसबुक के ही एक पूर्व अधिकारी और फेसबुक पर लाइक बटन की रचना करने वाले इंजीनियर जस्टिन रोसेनस्टेन ने कहा है कि भले ही उन्होंने फेसबुक के लिए लाइक बटन का ईजाद किया हो, लेकिन वे इसे बहुत ज्यादा 'लाइक' नहीं करते। रोसेनस्टेन का कहना है कि हमने जो सॉफ्टवेयर बनाए, वे समय को बर्बाद करने वाले हैं, न कि समय का बेहतर इस्तेमाल करने वाले। वे इसे वक्त की बर्बादी करार देते हैं।
पार्कर और पालीपतिया अब वह काम कर रहे हैं, जो उनकी निगाह में समाज के लिए ज्यादा फायदेमंद है। पालीपतिया एक अन्य सोशल नेटवर्क बनाने की तैयारी में हैं और पार्कर कैंसर के क्षेत्र में उसके उपचार के लिए कार्य कर रहे हैं। इसके अलावा पालीपतिया रॉकेट टेक्नोलॉजी और थ्रीडी प्रिंटिंग के क्षेत्र में भी कार्य कर रहे हैं।
फेसबुक के इन पूर्व और महत्वपूर्ण अधिकारियों के बयान ऐसे समय में आए हैं, जब फेसबुक और ट्विटर की गतिविधियों की जांच चल रही है। ऐसा आरोप है कि अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनाव के वक्त फेसबुक और ट्विटर ने रूस में विज्ञापनों के माध्यम से धन लिया और उसका उपयोग राष्ट्रपति चुनाव को प्रभावित करने में लगाया।
गौरतलब है कि अब फेसबुक ने अपना नया मिशन स्टेटमेंट जारी किया है जिसके अनुसार फेसबुक का लक्ष्य लोगों को अधिकार प्रदान करने और सामुदायिकता को बढ़ावा देना है, ताकि दुनिया और सिमट सकें।