उत्तर : आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है। यह मनोवैज्ञानिक समस्या है जो अक्सर इस उम्र में होती है। इसके लिए घर की परवरिश जिम्मेदार है। घर के माहौल में अगर बाहर ज्यादा मेलजोल रखने से रोका जाता है तो यह समस्या उत्पन्न होती है। आप अपना दायरा बढ़ाएं। बाहर के लोगों से मेलजोल बढ़ाते समय अपनी खूबियों पर बात करें। अपने आप से प्यार करें। आप घर में अकेले आईने के सामने स्वयं से बात करने का अभ्यास भी कर सकती हैं। अपनी प्रतिभा को पहचानें और उसे निखारें। फिर उस पर बात करें। अपने आप आपके आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। अपना सामान्य ज्ञान भी बढ़ाएं इससे भी बातचीत करने में सहजता आती है। अभिव्यक्ति खुलती है।
अगर आप भी किसी भावनात्मक, सामाजिक, पारिवारिक, मनोवैज्ञानिक परेशानी में हैं तो हमें अपनी समस्या भेज सकते हैं। हम यहां अपने एक्सपर्ट की सलाह से आपको समाधान देने की कोशिश करेंगे। आपको वेबदुनिया की यह पहल कैसी लगी, अवश्य बताएं। यह कॉलम विशेष रूप से हर वर्ग-हर उम्र की युवतियों-महिलाओं के लिए है।