राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की आत्मकथा देश में किसी की भी अन्य आत्मकथा से ज्यादा लोकप्रिय है।
आगामी 30 जनवरी को गाँधीजी की 60वीं पुण्यतिथि के मौके पर मुम्बई के हुतात्मा चौक पर लगायी जा रही पुस्तक प्रदर्शनी के आयोजकों ने सोमवार को कहा कि विभिन्न भाषाओं में प्रकाशित 450 पृष्ठों की इस आत्मकथा की देश भर में हर वर्ष औसतन ढाई लाख प्रतियाँ खरीदी जाती हैं।
यह प्रदर्शनी बाबुलनाथ मन्दिर चेरीटीज के वित्तीय सहयोग से मुंबई सर्वोदय मंडल और गाँधी बुक सेंटर द्वारा लगाई गई है, जो आज से दो फरवरी तक चलेगी। उक्त आत्मकथा की लोकप्रियता को देखकर उसकी प्रतियाँ इस प्रदर्शनी में मात्र 15 रुपए के मूल्य पर बेचने की व्यवस्था की गई है।
इसके अलावा इस प्रदर्शनी में 1500 पृष्ठों में प्रकाशित महात्मा गाँधी की संकलित रचनाओं की प्रति किसी को उपहार रूप में देने के लिए 75 रुपए में खरीदी जा सकती है। प्रदर्शनी में गाँधी द्वारा लिखित या उनके बारे में प्रकाशित कुल मिलाकर 300 पुस्तकों को शामिल किया गया है