महिलाओं के वीडियो बनाना और सोशल मीडिया पर वायरल करना अपराध है, जानिए कितनी मिल सकती है सजा?

चंडीगढ़ में एक विश्वविद्यालय की छात्राओं के निजी पलों का वीडियो वायरल होने के बाद यह सवाल उठ रहा है कि क्या आपकी मर्जी के बिना कोई आपका फोटो ले सकता है या फिर वीडियो बना सकता है? या फिर उन्हें सोशल मीडिया में वायरल कर सकता है? यदि नहीं तो क्या कानून में इस तरह का कोई प्रावधान है कि निजता भंग करने के आरोपी व्यक्ति को सजा दिलाई जा सके। दरअसल, चंडीगढ़ में लड़कियों का नहाते समय का वीडियो उन्हीं की एक साथी छात्रा ने बनाया था। इस मामले में आरोपी छात्रा का एक दोस्त भी शामिल था। 
 
इन धाराओं में मिल सकती है सजा : दरअसल, 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने भी निजता के अधिकार को मौलिक अधिकार माना है। ऐसे में कोई भी व्यक्ति आपकी मर्जी के बिना एकांत में या सार्वजनिक स्थानों पर न तो फोटो ले सकता है और न ही वीडियो बना सकता है। यदि कोई व्यक्ति इरादतन ऐसा करता है तो भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम (information technology act) की धारा 66-ई, धारा 67, धारा 67-ए, भारतीय दंड संहिता यानी आईपीसी की धारा 354, 354-सी और 509 में सजा और आर्थिक दंड दोनों का ही प्रावधान किया गया है। (इस बारे में विस्तार से जानने के लिए वीडियो देखें)
राष्ट्रीय स्तर के साइबर एक्सपर्ट प्रो. गौरव रावल ने वेबदुनिया से बातचीत में बताया कि आईटी एक्ट की सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के साथ ही भारतीय दंड संहिता की धाराएं भी हैं, जिनमें महिलाओं के गलत तरीके से वीडियो बनाने एवं उन्हें सोशल मीडिया पर अपलोड करने या दूसरे ग्रुप्स में शेयर करने पर दंड का प्रावधान है। 
 
जानिए कितनी हो सकती है सजा : प्रो. रावल कहते हैं यदि किसी महिला के निजी पलों का वीडियो या फोटो लेना, जिससे वह असहज महसूस करती हो तो आईटी एक्ट की धारा 66 ई के तहत ऐसे व्यक्ति को 3 साल की सजा एवं 2 लाख तक का जुर्माना हो सकता है। इस तरह के मामलों में यदि महिला चेंजिंग रूम में है, वॉशरूम में है या फिर महिला बच्चे को स्तनपान करा रही हो और कोई फोटो या वीडियो बनाता है और उसे इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से फॉरवर्ड करता है तो उसे कारावास एवं अर्थदंड दोनों हो सकता है। 
क्या करें महिलाएं : हालांकि ऐसी स्थिति ही निर्मित न हो इसके लिए छात्राओं और महिलाओं को अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत है। अपने निजी पलों की फोटो या वीडियो लेने की किसी को भी अनुमति न दें। या फिर कोई ऐसा करने की कोशिश कर रहा है तो उसे तत्काल ऐसा करने से रोकें। चाहे वह आपका कितना भी करीबी व्यक्ति क्यों न हो। क्योंकि कई बार देखा गया है कि जिन्हें महिलाएं अपना करीबी और शुभचिंतक समझती हैं, वे ही कई बार ब्लैकमेलिंग कर उनका दैहिक और आर्थिक शोषण करते हैं। 
 
इसके साथ ही सोशल मीडिया पर अपनी निजी तस्वीरें और वीडियो भूलकर भी शेयर न करें। सोशल मीडिया अकाउंट पर अपनी प्राइवेसी सेटिंग्स को पब्लिक न करें। क्योंकि कोई भी उनका (फोटो/वीडियो) दुरुपयोग कर सकता है। यदि किसी का कोई वीडियो सामने आता है तो तत्काल इसकी शिकायत पुलिस को की जानी चाहिए। इसके अलावा आप संबंधित प्लेटफार्म पर तस्वीरें हटाने के लिए अपील कर सकते हैं। हालांकि सार्वजनिक कार्यक्रमों की फोटो और वीडियो बनाई जा सकती हैं। 
 

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