एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) और नेशनल इलेक्शन वॉच (NEW) ने राज्यसभा के 233 सदस्यों में से 225 के आपराधिक, वित्तीय और अन्य पृष्ठभूमि विवरणों का विश्लेषण किया गया और उन्हें अद्यतन किया। मौजूदा राज्यसभा में एक सीट खाली है।
रिपोर्ट के मुताबिक, आंध्र प्रदेश के 11 सदस्यों में से 5 (45 फीसदी), तेलंगाना के 7 सदस्यों में से 3 (43 फीसदी), महाराष्ट्र के 19 सदस्यों में से 3 (16 फीसदी), दिल्ली के 3 सदस्यों में से 1 (33 फीसदी), पंजाब के 7 सदस्यों में से 2 (29 प्रतिशत), हरियाणा के 5 सदस्यों में से 1 (20 प्रतिशत) और मध्य प्रदेश के 11 सदस्यों में से 2 (18 प्रतिशत) ने 100 करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति घोषित की है।
33 फीसदी के खिलाफ आपराधिक मामले : तेलंगाना से विश्लेषण किए गए 7 सदस्यों (सांसदों) की कुल संपत्ति 5 हजार 596 करोड़ रुपए, आंध्र प्रदेश के 11 सदस्यों की कुल संपत्ति 3,823 करोड़ रुपए और उत्तर प्रदेश से विश्लेषण किए गए 30 संसद सदस्यों की कुल संपत्ति 1,941 करोड़ रुपए है। विश्लेषण किए गए 225 राज्यसभा सदस्यों में से 75 (33 प्रतिशत) ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं।
पार्टीवार आपराधिक मामले : भाजपा के 85 राज्यसभा सदस्यों में से लगभग 23 (27 प्रतिशत), कांग्रेस के 30 सदस्यों में से 12 (40 प्रतिशत), तृणमूल कांग्रेस के 13 सदस्यों में से 4 (31 प्रतिशत), राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के 6 सदस्यों में से पांच (83 प्रतिशत), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के 5 सदस्यों में से 4 (80 प्रतिशत), आम आदमी पार्टी (आप) के 10 सदस्यों में से 3 (30 प्रतिशत), वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के 9 सदस्यों में से 3 (33 प्रतिशत) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) 3 राज्यसभा सदस्यों से दो (67 फीसदी) ने अपने हलफनामे में अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं। (भाषा)