उन्होंने कहा कि इस पहल से घरेलू बाजार में चीनी की पर्याप्त उपलब्धता रहेगी और कीमत नियंत्रण में रहेगी। व्यापार सूत्रों के मुताबिक चीनी निर्यात अब व्यावहारिक हो गया है, क्योंकि ब्राजील से आपूर्ति बाधित होने के कारण पिछले 3 महीनों में वैश्विक मूल्य 50 प्रतिशत बढ़ा है।
मौजूदा 2015-16 के सत्र में घरेलू चीनी उत्पादन में 11 प्रतिशत की गिरावट के कारण इसका खुदरा मूल्य पिछले महीने में 40 रुपए प्रति किलो के स्तर को पार कर गया। विश्व के दूसरे सबसे बड़े उत्पादक भारत में चीनी का उत्पादन 2015-16 में करीब 2.5 करोड़ टन रहने का अनुमान है, जो पिछले साल 2.83 करोड़ टन था। (भाषा)