सड़क हादसे कम करने के लिए 7500 करोड़ की योजना, हाईवे पर कम होंगे ब्लैक स्पॉट

बुधवार, 16 मार्च 2022 (19:15 IST)
नई दिल्ली। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने राज्यसभा में बुधवार को कहा कि विभिन्न उपायों के बाद भी सड़क दुर्घटनाओं के लिहाज से भारत का रिकॉर्ड बहुत अच्छा नहीं है और हर साल करीब 1.5 लाख लोग हादसों के कारण अपनी जान गंवा देते हैं।
 
गडकरी ने उच्च सदन में प्रश्नकाल के दौरान पूरक सवालों का जवाब देते हुए यह टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि युद्ध और कोविड महामारी के आंकड़ों से तुलना करें तो सड़क दुर्घटनाओं में ज्यादा लोगों की मौत हो जाती है। उन्होंने इसे दुखद बताया और कहा कि इस मामले में भारत का रिकॉर्ड विश्व के कई देशों की अपेक्षा खराब है।
 
गडकरी ने कहा कि सरकार जल्द ही विश्व बैंक की मदद से 7,500 करोड़ रुपए की एक योजना लागू करेगी ताकि इस समस्या पर काबू पाया जा सके और राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों पर दुर्घटना की आशंका वाले क्षेत्रों (ब्लैक स्पॉट) को कम किया जा सके। उन्होंने कहा कि सरकार इस मुद्दे को लेकर बहुत संवेदनशील है और जल्द ही देश भर में विश्व बैंक की मदद से 7,500 करोड़ रुपए की एक योजना लागू की जाएगी।
 
उन्होंने कहा कि मृतकों में भी बड़ी संख्या युवाओं की होती है। उन्होंने कहा कि इस समस्या पर नियंत्रण के लिए काफी काम करने की जरूरत है और इसमें सभी को सहयोग करना होगा। उन्होंने कहा कि हमारे देश में पहले ड्राइविंग लाइसेंस आसानी से बन जाता था जबकि कई देशों में विभिन्न परीक्षणों के बाद ही लाइसेंस जारी होता है। उन्होंने कहा कि सरकार ने इस ओर ध्यान दिया है और इसमें डिजिटल सहित कई उपाय किए गए हैं।
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गडकरी ने सड़क इंजीनियरिंग और ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग में सुधार किए जाने के साथ ही जागरूकता व नियमों के पालन पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि मेघालय और अरुणाचल प्रदेश जैसे राज्यों ने सड़क दुर्घटनाओं को लगभग 50 प्रतिशत तक कम करने में सफलता प्राप्त की है, जबकि दादरा और नगर हवेली और नगालैंड आदि में दुर्घटनाओं में क्रमशः 47 और 40 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
 
उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं के मामले में आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र जैसे राज्यों का रिकॉर्ड अच्छा नहीं है और इसमें सुधार किए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर देश का रिकॉर्ड ही बहुत अच्छा नहीं है।

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