न्यायमूर्ति एके सीकरी और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की खंडपीठ ने पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से मामले की पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल को भी आड़े हाथों लिया। न्यायमूर्ति सीकरी ने कहा कि मिस्टर सिब्बल आप खुद भी परिपक्व कानूनविद हैं। क्या कोई राज्य सरकार संसद से पारित किए गए कानून को चुनौती दे सकती है?
न्यायालय ने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी यदि आधार-मोबाइल लिंकिंग को वाकई चुनौती देना चाहती हैं, तो उन्हें व्यक्तिगत तौर पर याचिका दायर करनी चाहिए, न कि सरकार की ओर से। इसके बाद सिब्बल ने याचिका में संशोधन करने की इजाजत मांगी, जिसे न्यायालय ने स्वीकार कर लिया। अब सुश्री बनर्जी की ओर से निजी तौर पर याचिका दायर की जाएगी।