दरअसल इस सॉफ्टवेयर की मदद से आधार के सिक्योरिटी फीचर को बंद किया जा सकता है और नया आधार तैयार किया जा सकता है। आधार कार्ड हैक करने वाला यह सॉफ्टवेयर 2,500 रुपए में व्हाट्सएप पर बेचा जा रहा है। इसके जरिए किसी भी व्यक्ति के आधार में परिवर्तन किया जा सकता है।
आधार के डेटाबेस में एक अरब से ज्यादा लोगों की निजी जानकारियां और बायॉमीट्रिक्स डीटेल दर्ज हैं। विशेषज्ञों ने पता लगाया है कि पैच के जरिए यूजर महत्वपूर्ण सुरक्षा फीचर्स को दरकिनार कर सकता है, जिससे गैरकानूनी तरीके से वह आधार नंबर जनरेट कर सकता है।
कांग्रेस ने एक ट्वीट में कहा, 'आधार नामांकन सॉफ्टवेयर के हैक हो जाने से आधार डेटाबेस की सुरक्षा खतरे में आ सकती है। हमें उम्मीद है कि अधिकारी भावी नामांकनों को सुरक्षित करने और संदिग्ध नामांकन की पुष्टि के लिए उचित कदम उठाएंगे।'
यूआईडीएआई का दावा, हैक नहीं हुई वेबसाइट : यूआईडीएआई ने कहा कि जब तक कोई व्यक्ति बायोमेट्रिक ब्योरा नहीं देता है, कोई भी परिचालक आधार नहीं बना सकता या उसे अद्यतन नहीं कर सकता। प्राधिकरण ने रिपोर्ट को सिरे से खारिज कर दिया कि आधार साफ्टवेयर को कथित रूप से ‘हैक’ किया गया है।