जवाब में दुजाना ने कहा कि मुझे पता है, आपकी मुझसे कोई दुश्मनी नहीं है। मैं यह भी जानता हूं कि यह गेम है। परोक्ष रूप से उसका इशारा पाकिस्तान की तरफ था। उसने कहा कि जिस दिन मैंने मां-बाप को छोड़ा था, उसी दिन उनके लिए मर गया था। मैं सरेंडर नहीं करूंगा, अब तो अल्लाह जो चाहेगा, वही होगा।
उल्लेखनीय है कि इसके पहले सेना पर मानवाधिकार उल्लंघन के आरोप लगते आए हैं, कुछ लोग तो सेना पर एनकाउंटर के आरोप भी लगाते रहे हैं। परंतु यह बातचीत इसका स्पष्ट प्रमाण है कि भारतीय सेना दुर्दांत आतंकियों को भी बचने का एक मौका देती है।