राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार डोभाल ने कहा कि वैसे भी बाद में प्रतिबंधों में ढील दी गई और कश्मीर, जम्मू तथा लद्दाख में 199 पुलिस जिलों में से केवल 10 में निषेधाज्ञा लागू है जबकि सभी क्षेत्रों में लैंडलाइन टेलीफोन सेवा 100 फीसदी बहाल कर दी गई है।
नेताओं की नजरबंदी पर उन्होंने कहा कि एहतियातन ऐसा किया और कानून के तहत भी इसकी अनुमति है जिसका मतलब है कि सरकार अदालतों के प्रति जवाबदेह है और अगर कुछ भी न्यायेत्तर होता है तो उसे भारी जुर्माना भुगतना पड़ेगा। उन्होंने कहा, मैं पूरी तरह आश्वस्त हूं कि अधिकांश कश्मीरियों ने अनुच्छेद 370 हटाने का समर्थन किया है।
उन्होंने इस कदम में बेहतर अवसर, बेहतर भविष्य और युवाओं के लिए अधिक नौकरियां देखी हैं। डोभाल ने भारतीय और विदेशी मीडिया से कहा, इसका विरोध करने वाले लोग कम हैं। लोगों को लगता है कि यह उनकी आवाज है। यह सच नहीं है।