ताजा खतरा मौसम का भी है, जिसके यात्रा में विलेन की भूमिका निभाए जाने की आशंका जताई जाने लगी है। हालांकि अलगाववादी नेता सईद अली शाह गिलानी ने स्पष्ट किया है कि अमरनाथ यात्री उनके मेहमान हैं पर पिछले हफ्ते दक्षिण कश्मीर में संयुक्त तौर पर हमला करने वाले लश्करे तौयबा तथा जैश-ए-मुहम्मद के गठजोड़ के इरादे ठीक नहीं लग रहे हैं।
अधिकारियों के बकौल, सेना की इस चेतावनी के उपरांत अमरनाथ यात्रा के सुरक्षा प्रबंधों की फिर से समीक्षा किए जाने के साथ-साथ सुरक्षा प्रबंधों के लूप होलों को मजबूत किया जा रहा है। हालांकि इस बार सुरक्षा एजेंसियों की परेशानी यह है कि केंद्र सरकार यात्रा के लिए उतने सुरक्षाबल देने को फिलहाल राजी नहीं है जितने की मांग हालात के अनुसार की जा रही है। तकरीबन दो लाख सैनिकों की मांग इस बार अमरनाथ यात्रा की सकुशलता के लिए की गई है।