गत 1 अप्रैल से शुरू हुई अग्रिम पंजीकरण प्रक्रिया में देशभर की बैंक शाखाओं में 85,000 यात्रियों ने पंजीकरण करवा लिया है, जबकि 26,000 यात्रियों ने हेलीकॉप्टर के लिए पंजीकरण करवाया है। हेलीकॉप्टर के टिकट पाने वाले यात्रियों को अग्रिम पंजीकरण की जरूरत नहीं होगी और उनकी टिकट ही पंजीकरण मानी जाएगी। लेकिन उन्हें कंपल्सरी हेल्थ सर्टिफिकेट लाना जरूरी है।
इस बीच इस बार यात्रा मार्ग पर श्रद्धालुओं की सेहत की जांच के लिए विशेष प्रबंध किए जा रहे हैं। लखनपुर से लेकर बाबा बर्फानी की पवित्र गुफा के बाहर तक विशेषज्ञ डॉक्टरों को तैनात किया जाएगा। इसके लिए प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। जम्मू संभाग में कठुआ से बनिहाल तक 36 स्वास्थ्य केंद्र बनाए जाएंगे। इनमें 1-1 डॉक्टर के अलावा पैरामेडिकल स्टाफ की भी नियुक्ति होगी।
इसी तरह कश्मीर संभाग में 66 स्वास्थ्य केंद्र स्थापित होंगे। सभी केंद्रों पर दवाइयां व उपकरण भी भेजे जाएंगे। स्वास्थ्य विभाग का प्रयास है कि इनमें विशेषज्ञ डाक्टरों की सेवाएं ली जाएं, विशेषकर बालटाल से भवन और पहलगाम से भवन तक। यात्रा मार्ग जटिल होने के कारण यहां पर श्रद्धालुओं को सांस लेने में दिक्कत होती है। कई बार हृदयाघात के कारण उनकी मौत भी हो जाती है।
हालांकि यात्रा से पहले सभी श्रद्धालुओं के लिए स्वास्थ्य प्रमाण पत्र अनिवार्य किया गया है। इसके बावजूद यात्रा मार्ग पर कई बार श्रद्धालुओं की सेहत बिगड़ जाती है। इसे देखते हुए फिजीशियन, आर्थोपैडिशियन और सर्जरी के डॉक्टरों की नियुक्ति को प्राथमिकता दी जाएगी। स्वास्थ्य विभाग के अलावा मेडिकल कॉलेज जम्मू और श्रीनगर से भी विशेषज्ञ डॉक्टरों की सेवाएं ली जाएंगी।