उन्होंने कहा कि इस दौरान सरकार ने कई ऐसे कदम उठाए हैं जिसके लिए उसे लोगों की नाराजगी और आलोचाना भी सहनी पड़ी है। नरेन्द्र मोदी सरकार लोगों को अच्छा लगे ऐसे काम करने की बजाय, लोगों के लिए जो अच्छा हो ऐसे काम करने में यकीन रखती है, नोटबंदी इसका सबसे बड़ा उदाहरण है।
उन्होंने कहा कि सरकार नीतिगत निर्णयों को वोटबैंक से नहीं जोड़ती है। सरकार ने ऐसे फैसले किए हैं, जो देश की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने के लिए जरूरी हों। उन्होंने कहा कि यह सभी को स्वीकार करना होगा कि नोटबंदी से औपचारिक अर्थव्यवस्था का आकार बढ़ा है।
शाह ने कहा कि नोटबंदी से सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की विकास दर बढ़ी है। मोदी सरकार के सत्ता संभालते समय विकास दर 4.7 प्रतिशत थी, जो अब 7.1 प्रतिशत पर पहुंच गई है, हालांकि उन्होंने चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के 31 अगस्त को जारी कमजोर आंकड़ों को इससे अलग रखते हुए कहा कि पिछली तिमाही को छोड़ दीजिए। तकनीकी कारणों से इसमें विकास दर कम रही है।
भाजपा अध्यक्ष ने पिछली सरकार को निशाना बनाते हुए कहा कि उसने मॉरीशस, सिंगापुर और साइप्रस से कालाधन अनैतिक तरीके से भारत लाने के लिए कुछ रास्ते बनाए थे। मौजूदा सरकार ने इन देशों को समझौतों को समय से पहले समाप्त करके उन अनैतिक रास्तों को बंद करने का काम किया है। (वार्ता)