राहुल गांधी को अमित शाह का जवाब, हताश कांग्रेस ने की लोकतंत्र की हत्या

गुरुवार, 17 मई 2018 (14:08 IST)
नई दिल्ली। कांग्रेस द्वारा कर्नाटक में लोकतंत्र की हत्या के आरोपों पर पलटवार करते हुए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि लोकतंत्र की हत्या तो उसी क्षण हो गई थी जब हताश कांग्रेस ने तुच्छ राजनीतिक लाभ के लिए कर्नाटक में सरकार के गठन के लिए जद एस को समर्थन देने की अवसरवादी पेशकश की थी। 
 
कांग्रेस ने बुधवार को कर्नाटक के राज्यपाल द्वारा भाजपा नेता बीएस येदियुरप्पा को सरकार बनाने का न्यौता देने के निर्णय को लोकतंत्र की हत्या और संविधान का उल्लंघन करार दिया था।
 
कांग्रेस के आरोपों पर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने ट्वीट किया कि कांग्रेस अध्यक्ष को जाहिर तौर पर अपनी पार्टी का 'गौरवशाली' इतिहास याद नहीं होगा। भयावह आपातकाल, अनुच्छेद 356 का जबरदस्त तरीके से गलत इस्तेमाल, अदालत, मीडिया और नागरिक समाज को नीचा दिखाना राहुल गांधी की पार्टी की विरासत है। 
 
शाह ने लिखा, कर्नाटक में किसके पास जनता का साथ है? भाजपा, जिसे 104 सीटें मिली हैं या कांग्रेस जिसको 78 सीटें मिली हैं और उसके मुख्यमंत्री-मंत्री खुद बड़े अंतर से हारे हैं। जद एस को 37 सीटें मिली हैं और कई जगह जमानत जब्त हो गई है। जनता सब जानती है। उन्होंने कहा कि 2013 में 122 सीट जीतने वाली कांग्रेस आज घटकर 78 सीटों पर रह गई है।
 
शाह ने कहा कि 'लोकतंत्र की हत्या' तो उसी समय हो गई जब उतावली कांग्रेस ने जदएस को अवसरवादी पेशकश की थी... कर्नाटक के विकास के लिए नहीं बल्कि अपने तुच्छ राजनीतिक फायदे के लिए। उल्लेखनीय है कि बी एस येदियुरप्पा ने आज कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
 
उल्लेखनीय है कि कर्नाटक में सियासी उठापटक और उच्चतम न्यायालय में देर रात चली सुनवाई के बाद बीएस येदियुरप्पा के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के साथ ही कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने 'संविधान का मजाक' बनाने के लिए भाजपा पर जमकर निशाना साधा।
 
उन्होंने कहा कि एक तरफ भाजपा 'खोखली जीत' का जश्न मनाएगी, दूसरी तरफ भारत 'लोकतंत्र की हार' का शोक मनाएगा।
 
कर्नाटक विधानसभा चुनाव में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बन कर उभरी है लेकिन उसके पास बहुमत के जादुई आंकड़े से कुछ सीटें कम है। राज्य में खंडित जनादेश से लेकर अब तक नाटकीय घटनाक्रम में कांग्रेस और जदएस ने गठबंधन बनाया था और जदएस नेता कुमारस्वामी ने सरकार बनाने का दावा राज्यपाल के समक्ष पेश किया था। (भाषा) 

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