अगर शाह मंत्री बने तो क्या वे भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटेंगे। ऐसी स्थिति में भाजपा का अगला राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन होगा, इस पर सबकी निगाह लगी हुई है। अमित शाह, जो जुलाई 2014 में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने थे, की गिनती पार्टी के सबसे सफल राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में हो रही है।
पार्टी ने इस बार तमाम कयास और अटकलों को झूठा बताते हुए लोकसभा में 300 का आंकड़ा भी पार कर लिया। अमित शाह के गांधीनगर से चुनाव लड़ने और जीतने के बाद इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि शाह मोदी सरकार में सबसे ताकतवर मंत्री बन सकते हैं। ऐसी स्थिति में अगर पार्टी अध्यक्ष अमित शाह भाजपा के ‘एक व्यकित, एक दयित्व’ के सिद्धांत पर चलते हुए अपने पद से इस्तीफा देंगे तो अगला अध्यक्ष कौन होगा, इस पर सबकी निगाह है।
जेपी नड्डा : अमित शाह अगर मोदी सरकार में मंत्री बनते हैं तो वरिष्ठ नेता जेपी नड्डा पार्टी के अगले राष्ट्रीय अध्यक्ष हो सकते हैं। मोदी सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रहते हुए सरकार की सबसे बड़ी योजना ‘आयुष्मान भारत’ शुरू हुई थी। इसके साथ नड्डा की संगठन पर अच्छी पकड़ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह का विश्वस्त होने के चलते उन्हें नया अध्यक्ष बनाया जा सकता है। जेपी नड्डा अमित शाह की टीम में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी संभाल चुके हैं।
धर्मेंद्र प्रधान : उड़ीसा के प्रभारी और मोदी सरकार में पेट्रोलियम मंत्री रहे धर्मेंद्र प्रधान भाजपा के अगले राष्ट्रीय अध्यक्ष हो सकते हैं। वर्तमान पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी होने के चलते उनको बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है। इसके साथ ही पेट्रोलियम मंत्री के तौर पर मोदी सरकार को दोबारा सत्ता में लाने के लिए सबसे सफल योजना उज्ज्वला को लाने का श्रेय भी धर्मेंद्र प्रधान को जाता है। ऐसे में पार्टी में भी उनके नाम पर आम राय बन सकती है।
कैलाश विजयवर्गीय : वर्तमान में पार्टी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय पश्चिम बंगाल में भाजपा के अब तक के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के चलते सबकी नजर में हैं। पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के करीबी माने जाने वाले कैलाश विजयवर्गीय ने बंगाल में संगठन को खड़ा कर अपने संगठनात्मक क्षमता का परिचय दे दिया है। ऐसे में कैलाश विजयवर्गीय को बड़ी जिम्मेदारी देकर शाह-मोदी की जोड़ी एक बार फिर सियासी पंडितों को चौंका सकती है।