प्रस्तावित राष्ट्रीय नागरिक पंजी (NRC) पर सवाल उठाने वाली कांग्रेस के पाले में गेंद डालते हुए शाह ने कहा कि 1985 में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी द्वारा असम समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने की वजह से इस प्रावधान का सूत्रपात राष्ट्रीय पार्टी द्वारा ही हुआ था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने सीएए की नींव रखी थी।
उल्लेखनीय है कि नई दिल्ली में विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलकर उनसे केंद्रीय विश्वविद्यालयों में हो रही हिंसा में हस्तक्षेप का अनुरोध किया और मोदी सरकार से असंवैधानिक व विभाजक नागरिकता संशोधन कानून को वापस लेने की मांग की। उन्होंने इन कानून के बनने के बाद हुए हिंसक प्रदर्शनों और उसके बाद हुई पुलिस कार्रवाई पर एक जांच आयोग बनाने की भी मांग की।