अमृतसर में बड़ा हादसा : रावण दहन देख रहे लोगों पर ट्रेन चढ़ी, 61 की मौत, रेलवे ने जारी किए हेल्पलाइन नंबर
शनिवार, 20 अक्टूबर 2018 (00:02 IST)
अमृतसर। देशभर में हर्षोल्लास के साथ शुक्रवार को दशहरा मनाया गया, लेकिन शाम को अमृतसर से आई एक दुखद खबर ने इस उत्साह को फीका कर दिया, जहां रेल पटरी के पास रावण का पुतला दहन देख रहे ट्रेन की चपेट में आ गए। इस हादसे में 60 से ज्यादा लोगों की मौत की पुष्टि हुई। घटना से जुड़े ताजा अपडेट्स-
- राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी समेत विभिन्न दलों के नेताओं, राज्यों के राज्यपाल एवं मुख्यमंत्रियों तथा दिल्ली समेत विभिन्न केंद्र प्रशासित राज्यों के उप राज्यपालों एवं मुख्यमंत्रियों ने अमृतसर हादसे पर गहरा दुख जताते हुए इसके शिकार लोगों के परिजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है।
- पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने गृह सचिव तथा राज्य सचिव को अमृतसर रेल हादसे में युद्ध स्तर पर राहत कार्य करने के आदेश दिए।
- बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पंजाब के अमृतसर में हुए रेल हादसे पर शोक प्रकट किया।
- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मृतकों के परिवारों को 2 लाख और घायलों को 50 हजार रुपए देने की घोषणा की।
- पीयूष गोयल ने ट्वीट कर जानकारी कि वे अमेरिका से भारत लौट रहे हैं।
- हादसे के बाद मुख्यमंत्री ने राजकीय शोक की घोषणा की। सभी दफ्तर और राजकीय संस्थान बंद रहेंगे।
- रेलवे ने मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए। ये हेल्पलाइन नंबर है- 0183-2223171, 0183-2564485
- सुखबीर सिंह बादल ने मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की और पंजाब सरकार से घायलों के समुचित इलाज की व्यवस्था करने का अनुरोध किया। उन्होंने शिरोमणि गुरद्वारा प्रबंधक कमेटी प्रमुख से बात कर घायलों को संस्थान के गुरू राम दास अस्पताल में नि:शुल्क चिकित्सा सुविधाएं मुहैया कराने की अपील की है।
- आम आदमी पार्टी (आप) की पंजाब इकाई ने अमृतसर में घटी घटना के लिए पंजाब सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए पीड़ित परिवारों को एक-एक करोड़ रुपए का मुआवजा और एक-एक सरकारी नौकरी देने की मांग की है।
- रेलमंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि राहत एवं बचाव अभियान चलाया जा रहा है। अमृतसर में हुए भयंकर ट्रेन हादसे की घटना से हैरान और दुखी हूं। पीड़ितों के परिवारों के लिए मेरी संवेदनाएं हैं। मैं घायलों के जल्दी स्वस्थ होने की कामना करता हूं। रेलवे ने तुरंत राहत एवं बचाव अभियान शुरू कर दिया है।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमृतसर में ट्रेन हादसे में बड़ी संख्या में लोगों की मौत होने पर गहरा दुख व्यक्त किया है और अधिकारियों को तत्काल जरुरी मदद उपलब्ध कराने को कहा है।
- पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने प्रत्येक मृतक के परिजन को पांच लाख रुपए देने और घायलों के निशुल्क उपचार का ऐलान किया है।
- अधिकारियों ने बताया कि रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष अश्विनी लोहानी और उत्तरी रेलवे के महाप्रबंधक विश्वेश चौबे घटना स्थल के लिए रवाना हो गए हैं।
- दिल्ली में अधिकारियों ने बताया कि रेलवे ने अपने शीर्ष अधिकारियों को अमृतसर रवाना किया है।
- रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा और रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्विनी लोहानी अमृतसर में हुए रेल दुर्घटना और राहत कार्य का जायजा लेने लिए शुक्रवार की देर शाम को अमृतसर के लिए रवाना हो गए।
- ट्रेन जालंधर से अमृतसर आ रही थी तभी जोड़ा फाटक पर यह हादसा हुआ।
- नवजोत कौर ने हादसे के लिए रेलवे को जिम्मेदार ठहराया। कहा हादसे पर राजनीति कर रहे हैं। मैं दहन कार्यक्रम समाप्त होने के बाद वहां से निकली।
- एक गमगीन महिला ने कहा कि हादसे में उसके बेटे की मौत हो गई है।
- लोगों में नवजोत कौर में गुस्सा। नवजोत कौर सिद्धू मुख्य मेहमान के तौर पर लोगों को संबोधित कर रही थीं। लोगों का आरोप है कि दुर्घटना के तुरंत बाद कौर राहत कार्य शुरू करवाने की बजाए अपने घर के लिए रवाना हो गई।
- मौके पर कम से कम 300 लोग मौजूद थे जो पटरियों के निकट एक मैदान में रावण दहन देख रहे थे।
- अमृतसर के प्रथम उपमंडलीय मजिस्ट्रेट राजेश शर्मा ने बताया कि 50 शवों को बरामद किया गया है और कम से कम 50 घायलों को एक सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
- उसी वक्त दो विपरीत दिशाओं से एक साथ दो ट्रेनें आई और लोगों को बचने का बहुत कम समय मिला।
प्रत्यक्षदर्शी बहुजन सजाम पार्टी के नेता तरसेम सिंह भोला ने बताया कि दुर्घटना के समय रेल लाईनों पर सैंकड़ो लोग खड़े थे, जो रेलगाड़ी की चपेट में आए गए।
- एक चश्मदीद ने आरोप लगाया कि ट्रेन के चालक ने हॉर्न नहीं बजाया था।
- अधिकारियों ने बताया कि रावण के पुतले को आग लगाने और पटाखे फूटने के बाद भीड़ में से कुछ लोग रेल की पटरियों की ओर बढ़ना शुरू हो गए जहां पहले से ही बड़ी संख्या में लोग खड़े होकर रावण दहन देख रहे थे।
- लोग जालंधर- अमृतसर रेल लाईन पर खड़े थे जिसके कारण वे जालंधर से आ रही डीएमयू की चपेट में आ गए।रावण दहन दौरान चल रहे फटाकों की आवाज के कारण लोगों को रेलगाड़ी आने का पता नहीं चला जिसके कारण लगभग 50 लोगों की कटने से घटनास्थल पर ही मौत हो गई तथा बड़ी संख्या में लोग घायल हो गए।