नई दिल्ली। दिल्ली के दंगों ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। सड़क पर शर्मसार होती मानवता पर पूरा देश चर्चा करने के साथ दु:खी है। दिल्ली की एक बदहवास मां का हाल जानकर आप दहल जाएंगे... यह मां अपने बेटे को बार-बार याद करते हुए बेहोश हो जाती... मेरा बच्चा कहां से लाऊं? यह दृश्य है आईबी अधिकारी अंकित शर्मा के घर का जिसे देखकर हर किसी की आंखों में आंसू आ जाएं... उपद्रवियों ने अंकित की हत्या कर उनका शव एक नाले में फेंक दिया था। जब उनकी मौत की खबर घर पहुंची तो परिजन बदहवास हो गए...
दरअसल, हेडकांस्टेबल रतनलाल के बाद अंकित शर्मा भी हिंसा के नशे में चूर भीड़ का शिकार बन गए। अंकित की मां ने कहा कि वे अपनी ड्यूटी करके वापस घर गए थे। अंकित के बड़े भाई अंकुर के मुताबिक मंगलवार शाम को 4 बजे वे घर लौटे थे। यहां चांदबाग पुलिया पर एक पार्षद के घर से लगातार फायरिंग हो रही थी। वह देखने के लिए वे वहां पहुंचे थे। इसी दौरान उपद्रवियों ने उन पर हमला कर दिया।
अंकित की मां ने बताया कि उन्मादी भीड़ उनके बेटे को खींचकर ले गई। बहन ने रुआंसा होते हुए बताया कि दंगाई लोग लड़कियों को पकड़कर ले जा रहे थे, तभी अंकित ने देखा तो वे बचाने के लिए दौड़ पड़े थे। वे गए तो थे मानवता की खातिर लेकिन सिरफिरी भीड़ ने उन्हें ही शिकार बना डाला।
अंकित शर्मा का परिवार मूल रूप से उत्तरप्रदेश के मुजफ्फरनगर का रहने वाला है। देश के लिए कुछ करने का जज्बा रखने वाले अंकित शर्मा साल 2017 में आईबी में भर्ती हुए थे। अंकित के पिता का नाम रविंदर शर्मा है, जो आईबी में ही हेडकांस्टेबल हैं। परिवार अंकित के लिए लड़की की तलाश कर रहा था, लेकिन उन्हें क्या पता था कि घर बसने पहले ही उनके परिवार का चिराग बुझ जाएगा।