अन्ना हजारे का अनशन शुरू, कहा- इस बार अपनी मांगें पूरी करवाए बिना नहीं उठेंगे

शुक्रवार, 23 मार्च 2018 (08:29 IST)
नई दिल्ली। समाजसेवी अन्ना हजारे ने एक बार फिर रामलीला मैदान से आंदोलन शुरू किया है। पिछली बार के उलट इस बार उनके निशाने पर केंद्र की मोदी सरकार है। इस बार उनकी मांग है किसानों के हक के लिए ठोस कदम उठाने की। वो किसानों की सुनिश्चित आय, पेंशन, खेती के विकास के लिए ठोस नीतियों समेत कई मांगों को लेकर रामलीला मैदान में भूख हड़ताल पर बैठे हैं जहां वह 2011 में भी बैठे थे।
 
 
नई दिल्ली: ऐतिहासिक भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के तकरीबन सात साल बाद सामाजिक कार्यकर्त्ता अन्ना हजारे ने केन्द्र में लोकपाल नियुक्त करने की अपनी मांग को लेकर आज से अनिश्चतकालीन भूख हड़ताल शुरू की। अनशन पर बैठने से पहले वे राजघाट में महात्मा गांधी की समाधि स्थल पर गए और श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद वे शहीदी पार्क भी गए शहीदों को श्रद्धांजलि दी। हजारे ने पहले तिरंगा फहराया और फिर अनशन की शुरुआत की। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज एवं कर्नाटक के पूर्व लोकायुक्त एन संतोष हेगड़े आंदोलन में शामिल होने रामलीला मैदान पहुंचे।
 
 
इस दौरान अन्ना ने कहा कि वे इस बार अपनी मांगें पूरी करवाए बिना नहीं उठेंगे। उन्होंने कहा कि उनके समर्थक दिल्ली कूच न कर सके इसलिए प्रशासन ने ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है। अन्ना ने कहा कि सरकार क्या चाहती है कि किसान हिंसा पर उतर आएं। उन्होंने कहा कि धरने पर बैठने से पहले मैंने सरकार को कई खत लिखे, जिसमें मैंने कहा कि मुझे किसी तरह के पुलिस प्रोटेक्शन की आवश्यता नहीं है। अन्ना ने आरोप लगाया कि सरकार ने उनके किसी भी खत का जवाब नहीं दिया। बता दें कि वर्ष 2011 में भ्रष्टाचार की जांच के लिए लोकपाल के गठन की मांग को लेकर अन्ना इसी मैदान में भूख हड़ताल पर बैठे थे।
 
 
अन्ना ने सरकार पर लगाए गंभीर आरोप
अनशन पर बैठने से पहले अन्ना हजारे ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत करते हुए कहा कि उनके समर्थक दिल्ली कूच ना कर सके इसलिए प्रशासन ने ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है। अन्ना ने कहा कि ट्रेनों को रद्द करके सरकार ने किसानों को हिंसा करने के लिए मजबूर कर दिया है। उन्होंने कहा कि आंदोलन पर बैठने से पहले मैंने कई खत लिखकर कहा कि मुझे किसी तरह के पुलिस प्रोटेक्शन की आवश्यता नहीं है। अन्ना ने कहा कि सरकार का ऐसा रवैया उन्हें समझ नहीं आ रहा है।
 
 
इससे पहले दिल्ली पुलिस ने अन्ना को रामलीला मैदान में शुक्रवार से विरोध प्रदर्शन की अनुमति दे दी थी। सभी सुरक्षा पहलुओं की जांच और पर्याप्त व्यवस्था करने के बाद यह अनुमति दी गई। हजारे और उनके समर्थक महाराष्ट्र सदन से सबसे पहले राजघाट जाकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देंगे। वह शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए शहीदी पार्क भी जाएंगे और फिर रामलीला मैदान के लिए रवाना होंगे, जहां 2011 में उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन और अनशन किया था लेकिन इस बार वे किसानों के समर्थन में धरना देंगे।
 
 
इस अवसार पर वे रामलीला मैदान में एक जनसभा को संबोधित करेंगे, जिस वजह से यातायात प्रभावित रहेगा। दिल्ली यातायात पुलिस ने परामर्श जारी कर लोगों को अरुणा आसफ अली रोड, दिल्ली गेट, दरियागंज, नयी दिल्ली रेलवे स्टेशन, अजमेरी गेट, पहाड़गंज, आईटीओ, राजघाट, मिंटो रोड, विवेकानन्द मार्ग, जेएलएन मार्ग इत्यादि की ओर जाने से बचने को कहा है।
 
 
अन्ना हजारे ने कहा कि आपको याद होगा कि हम 16 दिनों तक सिर्फ पानी पर अनशन पर दिल्ली में बैठे थे और अंत में सरकार को झुकना पड़ा। कानून तो बन गया है लेकिन यह अब ठीक से काम नहीं कर रहा है। लोगों को सूचनाएं नहीं मिल रही हैं।

अन्ना हजारे ने कहा कि हमारा कहना है कि सरकार के नियंत्रण में जो भी आयोग है जैसे कृषि मूल्य आयोग चुनाव आयोग नीति आयोग या इस तरह के अन्य आयोग से सरकार का नियंत्रण हटना चाहिए और उसे संवैधानिक दर्जा मिलना चाहिए। ऐसे किसान जिसके घर में किसान को कोई आय नहीं है उसे 60 साल बाद 5000 हजार रुपया पेंशन दो। संसद में किसान बिल को पास करो। क्योंकि हमारा संविधान सभी को जीने का अधिकार देता है। इस बार जो लड़ाई होगी वो आर-पार की होगी। (एजेंसी) 

वेबदुनिया पर पढ़ें

सम्बंधित जानकारी