96 बरस के अर्जन सिंह वायुसेना की ड्रेस में व्हीलचेयर पर एयरपोर्ट के भीतर पहुंचे थे। विमान आने में कुछ देर थी, तब तक वे व्हीलचेयर पर ही बैठे रहे। जब तिरंगे में लिपटी डॉ. कलाम की पार्थिव देह को बाहर लाकर श्रद्धांजलि दी जा रही थी, तब अर्जन सिंह वायुसेना के ही एक सहयोगी का सहारा लेकर देह तक पहुंचे और कड़क सैल्यूट करके अपनी श्रद्धांजलि दी।