राजौरी के डीकेजी इलाके में आतंकी हमले में 4 सैनिकों की शहादत के बाद घटनास्थल पर ही 3 नागरिकों के शव मिलने पर मचा विवाद अभी थमा नहीं है। इन 3 नागरिकों की मौत पर पहली बार सेना ने अपने तीन अधिकारियों को हटा दिया है।
सूत्रों के बकौल, राजौरी के थन्नामंडी इलाके में स्थित राष्ट्रीय राइफल्स के 13 सेक्टर के कमांडर ब्रिगेडियर पी आचार्य को हटा दिया गया है रक्षा सूत्रों के मुताबिक पता चला है कि उन्हें हटा दिया गया है और 3 नागरिकों की मौत कैसे हुई इस मामले पर आंतरिक जांच की जा रही है।
बता दें कि इस मामले में संदिग्ध भूमिका को लेकर 2 और सैन्य अधिकारियों एक कर्नल और लेफ्टिनेंट कर्नल को भी हटा दिया गया है।
सूत्रों ने इसकी पुष्टि की है कि तीन नागरिकों की कथित हत्या की जांच की घोषणा के एक दिन के भीतर, सेना ने राजौरी में तैनात एक ब्रिगेडियर सहित तीन वरिष्ठ अधिकारियों को स्थानांतरित कर दिया है। जिन दो अन्य अधिकारियों को स्थानांतरित किया गया है वे कर्नल और लेफ्टिनेंट कर्नल रैंक के हैं।
अधिकारियों ने पुष्टि की कि 3 नागरिकों की मौत और लगभग 10 अन्य के घायल होने के बाद राष्ट्रीय राइफल्स के ब्रिगेड कमांडर ब्रिगेडियर पदम आचार्य को तीन अन्य वरिष्ठ सेना अधिकारियों के साथ यूनिट से हटा दिया गया है। यह जांच एक वीडियो क्लिप के बाद शुरू की गई थी जिसमें नागरिकों से पूछताछ दिखाई गई थी। फिलहाल मामले पर सेना ने गहन चुप्पी साध रखी है।
बफलियाज बेल्ट में पड़ने वाले टोपा पीर गांव के तीन नागरिक सफीर हुसैन, मोहम्मद शौकत और शब्बीर अहमद मृत पाए गए, जब सेना ने उन्हें और पांच अन्य को गुरुवार के आतंकवादी हमले के तुरंत बाद पूछताछ के लिए कथित तौर पर हिरासत में लिया था।
इस आतंकी हमले में चार सैनिक मारे गए थे। मृत सैनिकों की पहचान उत्तराखंड के चमोली के नायक बीरेंद्र सिंह, पौड़ी गढ़वाल, उत्तराखंड के राइफलमैन गौतम कुमार, कानपुर, उत्तर प्रदेश के नायक करण कुमार और बिहार के नवादा के राइफलमैन चंदन कुमार के तौर पर की गई थी।
संदिग्ध हिरासत और कथित थर्ड डिग्री से मारे जाने वाले मृत तीनों के परिवार के सदस्यों और पड़ोसियों ने कुछ पत्रकारों को कि वीडियो क्लिप में उनके परिवार के सदस्य थे।
एक न्यूज वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार, गांव के सरपंच महमूद अहमद ने वायरल वीडियो से शब्बीर और शौकत की पहचान की, जिसमें सैनिकों को बंदी बनाए गए लोगों को बेरहमी से पीटते देखा जा सकता है।
सेना की हिरासत में कथित तौर पर मारे गए तीन नागरिकों में से एक, मोहम्मद शौकत के चाचा मोहम्मद सिद्दीकी ने कहा कि यह उनका भतीजा था, जो वीडियो में लाठीधारी सैनिक से हाथ जोड़कर उसे जाने देने की भीख मांगते हुए देखा गया था।
फिलहाल मामला इस कद्र बढ़ गया है कि सेनाध्यक्ष को भी घटनास्थल का दौरा कर माहौल को शांत करने की कवायद आरंभ करनी पड़ी है।
इस बीच अधिकारियों ने पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को उनके घर में नजरबंद कर दिया है और उन्हें उस गांव का दौरा करने से रोक दिया है जहां तीन नागरिक मारे गए थे।
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने 3 नागरिकों की हत्या के मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है और सरकार ने मारे गए परिवारों को मुआवजा और आश्रितों को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की है।